हिमाचल में बढ़े Rape के मामले, Murder के मामलों में आई कमी

Edited By Vijay, Updated: 02 Jan, 2020 04:18 PM

rape cases increased in himachal

हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2019 में रेप के मामलों में हल्की वृद्धि हुई है जबकि मर्डर के मामलों में कमी आई है। 2019 में बीते वर्ष के मुकाबले रेप की 13 घटनाएं अधिक हुई हैं जबकि प्रदेश में 69 हत्याओं के मामले दर्ज हुए जोकि 2018 में 99 थे।

शिमला (योगराज): हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2019 में रेप के मामलों में हल्की वृद्धि हुई है जबकि मर्डर के मामलों में कमी आई है। 2019 में बीते वर्ष के मुकाबले रेप की 13 घटनाएं अधिक हुई हैं जबकि प्रदेश में 69 हत्याओं के मामले दर्ज हुए जोकि 2018 में 99 थे। मर्डर के मामलों में बीते वर्ष 30 मामले कम हुए हैं जो पिछले 10 साल में सबसे कम है जबकि रेप के 358 मामले दर्ज हुए जोकि 13 बढ़े हंै। हत्या के प्रयास के 57 से घटकर 54, बच्चों से अपराध के 476 से घटकर 457, महिलाओं के साथ अत्याचार के मामले 183 से बढ़कर 229, दंगा भड़काने के 424, एनडीपीसी के 1342 से बढ़कर 1439, एससी/एसटी के 163, सड़क दुर्घटना के 211 कम होकर 2897 मामले रह गए।

हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रमुख एसआर मरड़ी ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2019 में 19,924 मामले दर्ज हुए है। उन्होंने बताय कि वर्ष 2019 में पुलिस ने 2018 के मुकाबले 2 लाख से ज्यादा चालान किए। पुलिस ने 2019 में कुल 10,95,549 चालान कर 30.42 करोड़ की कमाई की जबकि 2018 में 8,33,166 चालान कर 23 करोड़ कमाए थे। शिमला जिले में सबसे ज्यादा ई चालान किए गए, जिनकी संख्या 62,640 है।

उन्होंने बताया कि 700 से ज्यादा पुलिस वालों को बॉडी वार्न कैमरे लगा दिए गए हैं और आने वाले समय में सभी पुलिस जवानों को बॉडी वार्न कैमरे लगाए जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशे को कम करने के लिए भी पुलिस ने अभियान चलाया है। पुलिस ने सबसे ज्यादा चिट्टा शिमला जिला में पकड़ा है। पुलिस ने कुल साढ़े 8 किलोग्राम चिट्टा कब्जे में लिया है।

उन्होंने बताया कि पुलिस के जागरूकता अभियान से सड़क हादसों में कमी आई है तथा इस साल भी हादसों में कमी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि नशे को जड़ से उखाडऩा पुलिस के सामने बड़ी चुनौती है। 10 हजार से ज्यादा लोगों ने ड्रग फ्री एप्स को डाऊनलोड किया है। साइबर क्राइम लगातार बदल रहा है, इससे निपटने के लिए पुलिस हाईटैक की जाएगी। उन्होंने कहा कि घर बैठे ही एफआईआर दर्ज करवाने की सुविधा को ओर अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिट्टा सबसे बड़ी समस्या है, जिस पर पुलिस सख्ती से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि नशे से निपटने के लिए पुलिस को लोगों के सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 16 हजार पुलिस कर्मी हंै जबकि 24 हजार की जरूरत है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने 2020 में सड़क दुर्घटनाओं को कम करना, साइबर अपराध में कमी और नशे को प्रदेश में खत्म करने का लक्ष्य रखा है।

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