पर्यावरण संरक्षण के साथ ग्रामीण विकास की राह दिखा रही ''राजीव गांधी वन संवर्धन योजना''

Edited By Jyoti M, Updated: 23 Aug, 2025 03:04 PM

rajiv gandhi forest conservation scheme is showing the path of development

हिमाचल सरकार की राजीव गांधी वन संवर्धन योजना पर्यावरण संरक्षण के साथ ग्रामीण सशक्तिकरण को समर्पित है। इसका उद्देश्य बंजर और अनुपयोगी वन भूमि को हरा-भरा बनाना है, साथ ही स्थानीय समुदायों को रोजगार और आय के अवसर उपलब्ध कराना भी है। प्रदेशभर में...

ऊना। हिमाचल सरकार की राजीव गांधी वन संवर्धन योजना पर्यावरण संरक्षण के साथ ग्रामीण सशक्तिकरण को समर्पित है। इसका उद्देश्य बंजर और अनुपयोगी वन भूमि को हरा-भरा बनाना है, साथ ही स्थानीय समुदायों को रोजगार और आय के अवसर उपलब्ध कराना भी है। प्रदेशभर में योजनाबद्ध तरीके से लागू की जा रही इस योजना में वन प्रबंधन में जनभागीदारी पर खास फोकस है। इसी कड़ी में ऊना जिले में भी योजना का क्रियान्वयन तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

डीएफओ ऊना सुशील राणा बताते हैं कि इस योजना में पंजीकृत महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों और अन्य सामुदायिक संगठनों को वनीकरण गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। प्रत्येक समूह को 1 से 5 हेक्टेयर भूमि पर वृक्षारोपण और पांच वर्षों तक उसके रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

वे बताते हैं कि प्रति हेक्टेयर वृक्षारोपण पर समूहों को 1.20 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी। साथ ही पौधों की जीवित रहने की दर के आधार पर प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी। यदि पौधों का 50 प्रतिशत से अधिक सर्वाइवल सुनिश्चित किया जाता है, तो समूह को 1 लाख रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। ऊना जिले के सभी वन क्षेत्रों (फॉरेस्ट रेंज) में पौधा रोपण का कार्य जारी है और पुराने पौधों के रखरखाव के साथ क्षतिग्रस्त पौधों के स्थान पर नए पौधे लगाए जा रहे हैं।

वहीं, उपायुक्त जतिन लाल का कहना है कि ऊना जिला प्रशासन प्रदेश सरकार की सोच के अनुरूप इस योजना को ज़मीन पर उतार रहा है। युवाओं और स्थानीय समूहों को निरंतर वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण मिल सके और ग्रामीण आर्थिकी भी मजबूत हो।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस योजना की शुरुआत इस सोच के साथ की है कि यह केवल पर्यावरण संरक्षण तक सीमित न रहे, बल्कि ग्रामीण आत्मनिर्भरता और सामुदायिक सशक्तिकरण की नई राह भी खोले। मुख्यमंत्री की इसी दूरदृष्टि को आगे बढ़ाते हुए योजना को निरंतर विस्तार दिया जा रहा है। सरकार की सोच को लेकर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य केवल वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है, बल्कि पर्यावरण और विकास के बीच संतुलन स्थापित कर सतत विकास की मज़बूत नींव रखना भी है।

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