राजेंद्र राणा द्वारा व्यापारियों पर एफआईआर दर्ज करने की कड़ी निंदा

Edited By prashant sharma, Updated: 28 May, 2021 05:13 PM

rajendra rana strongly condemns firs against traders

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश व्यापार मंडल के कुछ पदाधिकारियों व सदस्यों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित कार्रवाई करार दिया है।

हमीरपुर : हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश व्यापार मंडल के कुछ पदाधिकारियों व सदस्यों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित कार्रवाई करार दिया है। राणा ने आरोप लगाया है कि सोलन नगर निगम चुनाव में हुई हार को भाजपा पचा नहीं पा रही है और उसकी खुन्नस यहां के व्यापार मंडल के पदाधिकारियों व सदस्यों पर एफआईआर दर्ज करके निकाली जा रही है। राणा ने कहा कि व्यापार मंडल सोलन के प्रधान कुशल जेठी, उप प्रधान विनय शर्मा व व्यापार मंडल के सदस्यों पंकज वर्मा, मदनलाल, मनोज कुमार गुजराल, जितेश साहनी व पंकज तयाल पर कोविड नियमों की अनदेखी का आरोप लगाकर केस दर्ज करना सरकार व प्रशासन की प्रतिशोधात्मक नीयत को दर्शाता है। राणा ने कहा कि सोलन नगर निगम चुनाव से पहले व्यापार मंडल सोलन के प्रधान कुशल जेठी भाजपा की नकारात्मक राजनीति से उकताकर अपने साथियों सहित कांग्रेस में शामिल हुए थे। सोलन नगर निगम चुनावों में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी और कांग्रेस ने यहां जीत का डंका बजाया था, जिसके बाद से ही भाजपा के भीतर खलबली मची हुई है। 

राणा ने सवाल उठाया कि व्यापारी अगर लॉकडाउन की इस अवधि के भीतर अपनी दुकानों को खोलने का समय बढ़ाने की मियाद को लेकर प्रदेश व्यापार मंडल के बैनर तले प्रदेश के मुख्यमंत्री से मंडी व शिमला में मिलकर गुहार लगाते हैं तो इसमें कुछ भी अलोकतांत्रिक नहीं है। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद अगर व्यापार मंडल के सदस्य मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हैं तो कोविड-नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाकर उन पर केस बनाना पूरी तरह राजनीति से प्रेरित मामला लगता है। उन्होंने कहा व्यापारियों पर केस बनाने के पीछे सरकार व पुलिस प्रशासन पर किस नेता का दबाव रहा है, यह भी सरकार को क्लियर करना चाहिए। उन्होंने कहा प्रदेश में अफसरशाही बेलगाम हो गई है और सत्तारूढ़ दल के इशारे पर राजनीतिक प्रतिशोध से मामले बनाए जा रहे हैं जिसकी जितनी कड़ी निंदा की जाए, उतनी कम है। उन्होंने कहा सरकार की इस दमनकारी नीति का खामियाजा भाजपा को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। राणा ने कहा कि व्यापारी वर्ग सरकार को जीएसटी देता है और उसे अपनी समस्या उठाने का पूरा हक भी है।
 

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