PWD ने सड़क निर्माण को बिना अनुमति उखाड़े दर्जनों पेड़, वन विभाग बना मूकदर्शक

Edited By Vijay, Updated: 30 Dec, 2019 04:17 PM

pwd uprooted dozens of trees for road construction

चुराह वन मंडल सलूणी के अंतर्गत एक सड़क के निर्माण में लोक निर्माण विभाग ने कैल के दर्जनों पेड़ों को अवैध तरीके से उखाड़ फैंक दिया। वन विभाग को लाखों रुपए का नुक्सान होने के बावजूद वन विभाग मूकदर्शक बना है और जब मीडिया की टीम मौके पर पहुंची तो वन...

सलूणी (शक्ति प्रसाद): चुराह वन मंडल सलूणी के अंतर्गत एक सड़क के निर्माण में लोक निर्माण विभाग ने कैल के दर्जनों पेड़ों को अवैध तरीके से उखाड़ फैंक दिया। वन विभाग को लाखों रुपए का नुक्सान होने के बावजूद वन विभाग मूकदर्शक बना है और जब मीडिया की टीम मौके पर पहुंची तो वन विभाग के कर्मचारियों में भगदड़ मच गई। लोक निर्माण विभाग द्वारा चुराह वन मंडल सलूणी के अधीन एक नई सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इस सड़क के निर्माण के लिए लोक निर्माण ने दर्जनों कैल के पेड़ों को अवैध तरीके से उखाड़ फैंका। हैरानी की बात यह है कि यह सब चुराह वन मंडल के कार्यालय से चंद दूरी पर हो रहा है लेकिन वन विभाग अनजान बना बैठा है।

अभी तक विभाग 3.50 किलोमीटर स्वीकृत सड़क निर्माण में से महज 700 मीटर भाग का ही निर्माण कर पाया है और इस निर्माण में ही दर्जनों कैल के पेड़ों को उखाड़ दिया। लोगों ने कहा कि विभाग अब हिमपात की आड़ में पेड़ उखाड़े जाने का गुनाह छुपा रहा है। शनिवार को मौके का निरीक्षण करने के लिए वन परिक्षेत्र अधिकारी चकोली प्रकाश चंद के नेतृत्व में मौके पर गई टीम ने जो रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी है उसमें बताया गया है कि सिर्फ 13 पेड़ उखाड़े गए हैं। जबकि विभागीय रिपोर्ट में बाकी पेड़ हिमपात से गिरे बताए जा रहे हैं। टीम ने मौके पर अवैध डंपिंग भी पाई है, जिसका कुल नुक्सान विभाग ने 82,731 रुपए आंका है। अब चुराह वन मंडल अधिकारी एके आनंद मौके का निरीक्षण करेंगे। उन्हेांने बताया कि दी गई रिपोर्ट और अपनी रिपोर्ट मैच करेंगे तथा अगर भिन्नता पाई गई तो दोषी विभाग के कर्मचारियों के प्रति विभागीय कार्रवाई की जाएगी। साथ में नुक्सान का आकलन करने उपरांत लोक निर्माण विभाग के प्रति पुलिस में मामला दर्ज किया जाएगा।

बता दें कि नई सड़क निर्माण के लिए वन विभाग से फोरैस्ट क्लीयरैंंस लेना अनिवार्य है और उसके उपरांत सड़क निर्माण में आने वाले पेड़ों को वन विभाग की स्वीकृति के बाद वन निगम टैंडर अवार्ड कर गिराने व चिरान कर लकड़ी को निकालकर अपने सुपुर्द लेता है। उसके उपरांत सड़क का लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्य किया जाता है। वन विभाग ने इस सड़क निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग को  0.8545 हैक्टेयार भूमि के अन्तर्गत सड़क निर्माण करने के लिए एफ आरसी के तहत फोरैस्ट क्लीयरैंस देने के साथ 71 कैल के पेड़ों को काटने की अनुमति 3 अक्तूबर, 2017 को प्रदान की है लेकिन यहां तो इन 71 पेड़ों के अलावा भी दर्जनों पेड़ काट डाले गए हैं।

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