Edited By PTI News Agency, Updated: 27 Mar, 2020 10:15 PM
शिमला, 27 मार्च (भाषा) राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते पंजाब के रूपनगर जिले में फंसा टाईल मिस्त्री टिंकू सिंह जब भी अपने घर फोन करता है तो उसकी दो साल की बेटी कहती है, ‘‘पापा जल्दी घर आ जाओ। ’’
शिमला, 27 मार्च (भाषा) राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते पंजाब के रूपनगर जिले में फंसा टाईल मिस्त्री टिंकू सिंह जब भी अपने घर फोन करता है तो उसकी दो साल की बेटी कहती है, ‘‘पापा जल्दी घर आ जाओ। ’’
सिंह आगरा का रहने वाला है और वह ठेके के काम के लिए हाल ही हिमाचल प्रदेश के बद्दी गया था। बद्दी रूपनगर के समीप है। कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए प्रशासन द्वारा लगाये गये लॉकडाउन के चलते सिंह और उत्तर प्रदेश के 11 अन्य श्रमिक रूपनगर के किरतारपुर साहिब के कुम्हार मोहल्ला में फंस गये हैं।
सिंह ने कहा कि वह जानता है कि आगरा पहुंचना मुश्किल है और उसकी इच्छा अपनी बेटी नंदिनी से मिलने की है।
उसने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘ मैं कभी नहीं जानता था कि मैं इतने लंबे समय के लिए फंस जाऊंगा। जनता कर्फ्यू 22 मार्च को था और मैंने सोचा था कि यह कुछ दिन की बात होगी।’’
सिंह की बस तीन साल पहले शादी हुई थी। उसकी पत्नी पिंकी, माता-पिता मीना देवी और भंवरपाल सिंह की जब भी फोन पर उससे बात होती है तो वे उससे यथाशीघ्र घर लौटने के लिए कहते हैं।
इन मजदूरों ने बृहस्पतिवार तक के लिए खाने पीने का इंतजाम कर लिया लेकिन अब उनके पास महज 1000 रूपये बचे हैं।
नीरज राज (21) ने कहा, ‘‘हम घर जाना चाहते हैं। हमारे पास बिल्कुल पैसे नहीं बचे हैं। हम आपसे, उत्तर प्रदेश और पंजाब सरकार से हमारी घर वापसी का किसी तरह इंतजाम करने का अनुरोध करते हैं। हम घर पहुंचने के बाद किराया चुका देंगे।
सिंह ने कहा, ‘‘ हम बाहर जाकर पुलिस को अपना दुख-दर्द बताना चाहते थे लेकिन जिस तरह पुलिस कर्फ्यू उल्लंघन करने वालों को पीट रही है, उससे हम बाहर जाकर मदद की मांगने का साहस नहीं जुटा सके।
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