Edited By Simpy Khanna, Updated: 03 Sep, 2019 05:07 PM
किसान - बागवान का समुचित विकास प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है और किसानों-बागवानों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्प है। यह ब्यान शहरी विकास, आवास एवं नगर नियोजन मंत्री सरवीण चौधरी ने इंदौरा में दिया। वह यहां हि.प्र. कृषि...
इंदौरा(अजीज): किसान - बागवान का समुचित विकास प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है और किसानों-बागवानों की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्प है। यह ब्यान शहरी विकास, आवास एवं नगर नियोजन मंत्री सरवीण चौधरी ने इंदौरा में दिया। वह यहां हि.प्र. कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के तहत कृषि विज्ञान केंद्र कांगड़ा तथा आतमा प्रोजेक्ट के सयुंक्त तत्वावधान में जल सरंक्षण अभियान के तहत लक्ष्मी पैलेस में आयोजित किसान मेला में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रही थी।
उन्होंने विभागों व अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह अभियान केवल काग़ज़ों व कार्यक्रमों तक सीमित न रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर प्रैक्टिकल रूप देकर सफल बनाने के लिए गांव-गांव, घर-घर जाकर जायजा लें।उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने जल शक्ति अभियान के तहत इंदौरा क्षेत्र में 1.41 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है, जिसमें 43 हेक्टेयर भूमि पर लगभग 1.59 पौधे रोपित किए जा चुके हैं, जबकि अन्य उपायों पर कार्य जारी है। उन्होंने जल शक्ति अभियान से जुड़े सभी विभागों को परस्पर तालमेल बनाकर अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए।
सरवीण चौधरी ने कहा कि इंदौरा क्षेत्र में घटता जल स्तर हम सबके लिये एक गंभीर चिंतनीय विषय है।हमें अपने बेहतर कल के लिये जल का सरंक्षण, संवर्धन और दक्ष प्रबंधन जरूरी है। उन्होंने कहा कि पानी के सरंक्षण के प्रति सजग और संवेदनशील बनना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि इसकी तकनीक बारे कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर तथा कृषि विभाग द्वारा किसानों को समय-समय पर तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवाने के साथ-साथ किसानों- बागवानों को प्रशिक्षण प्रदान कर इस विधि को अपनाने की तरफ प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कृषि अधिकारियों से कहा कि वे शून्य लागत प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिये अधिक से अधिक लोगों को जागरूक व प्रेरित करें।
उन्होंने अधिकारियों से कृषि योजनाओं को धरातल पर उतारने का आह्वान किया, ताकि किसानों को आधुनिक तकनीकों बारे जानकारी मिल सके।इससे पहले उन्होंने क्षेत्र के किसानों व विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया व शून्य बजट खेती कर जैविक प्राकृतिक सब्जियां उगाने वाले किसानों के प्रयासों की सराहना की।इस मौके पर कृषि वैज्ञानिकों ने जल सरंक्षण एवम प्रबंधन, सूक्ष्म सिंचाई द्वारा संचित जल का समुचित उपयोग, पर्वतीय क्षेत्रों में सरंक्षित खेती का महत्व, धान की खेती में श्रीधान विधि अपनाने से पानी बचाने की तकनीक तथा जीरो बजट खेती आदि विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं।