Edited By Vijay, Updated: 18 Nov, 2023 07:10 PM
हालात और परिस्थितियों का डट कर मुकाबला करने की अगर कोई मन में ठान ले तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है, जोकि दूसरों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाता है। ऐसा ही रैली जजरी की प्रियंका ने कर दिखाया है।
बिझड़ी (सुभाष धीमान): हालात और परिस्थितियों का डट कर मुकाबला करने की अगर कोई मन में ठान ले तो किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है, जोकि दूसरों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन जाता है। ऐसा ही रैली जजरी की प्रियंका ने कर दिखाया है। अब खुद भी आत्मनिर्भर बनी है तो दूसरों को भी आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दे रही है। बताते चलें कि बड़सर उपमंडल के रैली जजरी की प्रियंका कुमारी ने घरेलू परिस्थितियों का सामना करते हुए अपना और अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए और आत्मनिर्भर बनने के लिए घर-घर जाकर मशरूम बेचना शुरू किया और परिस्थितियों का डट कर मुकाबला करते हुए महीने में एक लाख तक कमाना शुरू कर अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन कर दिखाया। प्रियंका ने पहले एक मशरूम उत्पादन फर्म में काम शुरू किया लेकिन कम वेतन के चलते उसने खुद घर-घर जाकर मशरूम बेचने का मन बनाया। वह इस में सफल भी हुई। वर्तमान में प्रदेश के 4 जिलों में रोजाना करीब 300 किलोमीटर का सफर स्कूटी पर तय कर प्रियंका मशरूम बेचती है। सुबह 7 बजे से प्रियंका का सफर शुरू होता है तो शाम 7 बजे या उसके बाद ही खत्म होता है।
रोजाना बेचती है मशरूम के 600 से 700 पैकेट
प्रियंका हर रोज सुबह से शाम तक मशरूम के 600 से 700 पैकेट बेच कर हर महीने एक लाख तक की कमाई कर रही है। इसके अलावा नजदीकी क्षेत्रों में जब कोई शादी या अन्य फंक्शन होता है तो उनके लिए भी ऑर्डर पर मशरूम सप्लाई करती है। इसके अलावा चाप-बड़ी और अचार की भी उसके पास उपलब्धता रहती है।
आत्मनिर्भर बनने को चुना मशरूम का कारोबार
उल्लेखनीय है कि प्रियंका कुमारी को उसके पति ने उस समय छोड़ दिया था, जब उसका बेटा मात्र 7 महीने का था। प्रियंका को जब अपने बेटे के भविष्य की चिंता सताने लगी तो वह अपने मायके में आ गई और उसने खुद आत्मनिर्भर बनने के लिए घर-घर जाकर मशरूम बेचने का प्रण लिया। अब परिस्थितियां अनुकूल होने के चलते प्रियंका ससुराल में ही रह रही है। प्रियंका सुबह ही अपनी स्कूटी पर मशरूम के थैले उठा कर हमीरपुर, मंडी, ऊना और बिलासपुर जिलों में जाकर मशरूम बेच कर बेहतर जिंदगी जी रही है। प्रियंका देवी ने बीएससी तक पढ़ाई की है और उसका बेटा एलकेजी में पढ़ता है। घर में सास-ससुर हैं।
कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता : प्रियंका
प्रियंका का कहना है कि इंसान को हालात और परिस्थितियों से घबराना नहीं चाहिए, बल्कि उनका डट कर मुकाबला करना चाहिए। कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है, लेकिन इसके लिए मेहनत तो करनी ही पड़ती है। उन्होंने महिलाओं को प्रेरणा देते हुए कहा है कि आत्मनिर्भर बनें और दूसरों को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करें।
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