निजी विश्वविद्यालय ने अनधिकृत तौर पर शुरू कर दिए 32 कोर्स, आयोग ने किया 11 लाख का जुर्माना

Edited By Vijay, Updated: 11 Jun, 2021 11:55 PM

private university started 32 courses unofficially commission fined

हिमाचल प्रदेश में स्थित निजी विश्वविद्यालयों पर एक बार फिर शिकंजा कसा गया है। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने 4 निजी विश्वविद्यालयों से जुड़े अलग-अलग मामलों की सुनवाई कर कार्रवाई अमल में लाई है। जिला सोलन में स्थित एक निजी...

शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश में स्थित निजी विश्वविद्यालयों पर एक बार फिर शिकंजा कसा गया है। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने 4 निजी विश्वविद्यालयों से जुड़े अलग-अलग मामलों की सुनवाई कर कार्रवाई अमल में लाई है। जिला सोलन में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय ने अनधिकृत तौर पर 32 कोर्स संचालित कर विद्यार्थियों को प्रवेश देने के मामले पर 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। उक्त निजी विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा एक हैड के अंतर्गत 32 अनधिकृत शुरू कर 3063 विद्यार्थियों को प्रवेश देने के मामले में यह कार्रवाई की गई है। निजी विश्वविद्यालय के प्रबंधन इन कोर्सिज को ऑनलाइन पत्राचार पाठ्यक्रम के तौर पर चलाया जा रहा था, जबकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इस तरह कोर्सिज चलाने की अनुमति नहीं दे रखी है। इसके अलावा ऐसे कोर्स चलाने के लिए सैंट्रल रैगुलेटरी अथॉरिटी से इस तरह के कोर्स संचालित करने को स्वीकृति प्राप्त होनी चाहिए लेकिन उक्त निजी विश्वविद्यालय के मामले में इस तरह की कोई स्वीकृति नहीं ली गई थी।

विद्यार्थियों से वसूली 30 लाख रुपए फीस

सुनवाई के दौरान उक्त निजी विश्वविद्यालय के प्रबंधन ने आयोग को बताया कि इन कोर्सिज के संचालन कर विद्यार्थियों से 30 लाख रुपए फीस वसूली गई है। यह भी सामने आया कि उक्त निजी विश्वविद्यालय ने उक्त कोर्सिज की फीस को लेकर प्रदेश सरकार से अप्रूवल भी नहीं ली है। आयोग ने अब इस तरह अनधिकृत तौर पर चलाए जा रहे इन 32 कोर्सिज को बंद करने के आदेश दिए हैं। सुनवाई के दौरान निजी विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपना पक्ष भी रखा लेकिन इस निजी विश्वविद्यालय द्वारा रखे गए पक्ष को न मानते हुए नियामक आयोग ने सभी अनधिकृत कोर्सिज को बंद करने के आदेश दिए। इसके साथ नियामक आयोग ने कहा कि विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इन कोर्सिज को रैगुलर किया जाए। इसके लिए आयोग जरूरी अनुमति दे देगा।

कोर्स छोडऩे वाले विद्यार्थी को रिफंड करनी होगी पूरी फीस

आयोग ने कहा कि इस बीच अगर कोई विद्यार्थी कोर्स छोडऩा चाहेगा तो निजी विश्वविद्यालय के प्रबंधन को उक्त विद्यार्थी की पूरी फीस रिफंड करनी होगी। नियामक आयोग ने साफ किया कि नियमों का उल्लंघन कर अनधिकृत तौर पर कोर्सिज चलाए हैं, ऐसे में आयोग ने अपने अंतरिम आदेशों में 11 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है और इसके साथ ही एक कमेटी भी गठित की है। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने एक अन्य निजी विश्वविद्यालय पर बिना अनुमति कोर्स चलाने के मामले में 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। इसके अलावा विश्वविद्यालय के प्रबंधन को उक्त कोर्स बंद करने आदेश दिए हैं।

फर्जी डिग्री केस में एफआईआर दर्ज न करने पर कमेटी करेगी जवाब तलब

हिमाचल प्रदेश में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय द्वारा फर्जी डिग्री केस मेंं हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग द्वारा मामले को लेकर एफआईआर दर्ज करवाने के आदेशों के बाद भी उक्त निजी विश्वविद्यालय ने एफआईआर दर्ज नहीं करवाई। उक्त निजी विश्वविद्यालय का फर्जी डिग्री का मामला बीते वर्ष जून माह में सामने आया था। एफआईआर दर्ज न होने पर अब नियामक आयोग ने एक कमेटी गठित करने के आदेश दिए हंै जोकि इस मामले को देखेगी और निजी विश्वविद्यालय के प्रबंधन से जवाब तलब करेगी। यह कमेटी इसी निजी विश्वविद्यालय द्वारा अपने ही 4 कर्मचारियों को डिग्री प्रदान करने के मामले की भी जांच करेगी और देखेगी कि कर्मचारियों को कोर्स करवाकर डिग्री देने की प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी हुई है या नहीं। यह कमेटी मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट आगामी 15 से 20 दिनों में आयोग को सौंपेगी।

15 जुलाई तक विद्यार्थी की सिक्योरिटी राशि रिफंड करने के आदेश

एक अन्य निजी विश्वविद्यालय से जुड़े मामले में नियामक आयोग ने सुनवाई करते हुए विद्यार्थियों की सिक्योरिटी सहित अन्य राशि रिफंड करने के लिए 15 जुलाई तक का समय दिया है। उक्त निजी विश्वविद्यालय के स्टाफ की लंबित सैलरी देने के भी आदेश दिए हैं। पूर्व में दिए आदेशों के बाद भी यह राशि जारी नहीं की गई है।

क्या बोले आयोग के चेयरमैन

हि.प्र. निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के चेयरमैन मेजर जनरल (रिटायर्ड) अतुल कोशिक ने बताया कि प्रदेश में स्थित 4 निजी विश्वविद्यालयों से जुड़े अलग-अलग मामलों मेें आदेश जारी किए गए हैं। एक निजी विश्वविद्यालय द्वारा अनधिकृत तौर पर कोर्स चलाने के मामले में 11 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है, जबकि एक अन्य निजी विश्वविद्यालय द्वारा बिना अनुमति कोर्स चलाने के मामले में 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है।

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