'SC/ST एक्ट के विरोध की आड़ में हो रही सिर्फ  राजनीति'

Edited By kirti, Updated: 28 Oct, 2018 11:47 AM

politics just being under the scanner of the sc  st act

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष अनुसुईया उईके ने पत्रकार वार्ता में एस.सी./एस.टी. कानून में उपजे विवाद के एक प्रश्न पर कहा कि कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए विरोध का रास्ता अपनाकर भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज में दलित...

 नूरपुर : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष अनुसुईया उईके ने पत्रकार वार्ता में एस.सी./एस.टी. कानून में उपजे विवाद के एक प्रश्न पर कहा कि कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए विरोध का रास्ता अपनाकर भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज में दलित वर्ग और सामान्य वर्गों के लोग मोहल्लों, कस्बों में एक साथ मिलकर सौहार्द के साथ रह रहे हैं। किसी भी प्रकार की कोई घटना नहीं होती। सिर्फ 1 प्रतिशत ऐसी घटनाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि एस.सी./एस.टी. एक्ट का जो कानून पहले था वह ही कानून आज है जिस पर सरकार अध्यादेश लाई है लेकिन उस पर आज ही क्यों विरोध हो रहा है। उपाध्यक्ष ने कहा कि 1979 में एस.सी./एस.टी. कानून बना है जिसके तहत जाति सूचक शब्द बोलने के लिए तुरंत गिरफ्तारी का प्रावधान था जबकि सुप्रीम कोर्ट ने किसी केस, जिसमें उक्त एक्ट के दुरुपयोग के मामला की शिकायत पर यह फैसला सुनाया था कि तुरंत गिरफ्तारी की बजाय डी.एस.पी. स्तर की जांच टीम गठित कर उक्त केसों की सुनवाई के बाद कार्रवाई होगी।

एस.सी./एस.टी. एक्ट के दुरुपयोग के प्रश्न पर अनुसुईया ने कहा कि उक्त कानून के दुरुपयोग को लेकर भी आयोग सतर्क है। उन्होंने कहा कि यदि किसी द्वारा उक्त कानून के दुरुपयोग का मामला आयोग के पास आता है तो सभी तथ्यों की जांच की जाती है। यदि तथ्य सही नहीं पाए जाते तो मामला खारिज हो जाता है। इस अवसर पर उनके साथ विधायक राकेश पठानिया व भाजपा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष त्रिलोक कपूर सहित कई नेता मौजूद थे।

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