Edited By Ekta, Updated: 02 Aug, 2018 09:38 AM
इटली से आयात किए गए सेब के पौधों की जांच खुल गई है। यह जांच 1,134 करोड़ रुपए की बागवानी विकास परियोजना से जुड़ी है, जिसमें कंसल्टैंसी पर ही 100 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। इसके लिए न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों की मदद ली गई थी। प्रदेश सरकार की तरफ से...
शिमला (कुलदीप): इटली से आयात किए गए सेब के पौधों की जांच खुल गई है। यह जांच 1,134 करोड़ रुपए की बागवानी विकास परियोजना से जुड़ी है, जिसमें कंसल्टैंसी पर ही 100 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। इसके लिए न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों की मदद ली गई थी। प्रदेश सरकार की तरफ से कंसल्टैंसी देने वाले न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों को 7 अगस्त को शिमला तलब किया गया है। उल्लेखनीय है कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में इटली से सेब के पौधे आयात करने का निर्णय लिया गया था।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ने इस प्रोजैक्ट की तह तक पहुंचने का प्रयास शुरू किया। वह इस बात से हैरान हैं कि कंसल्टैंसी पर ही 100 करोड़ रुपए कैसे व्यय कर दिए गए। ऐसे में सीधे तौर पर सरकार को प्रोजैक्ट में घोटाले की बू नजर आ रही है। बागवानी मंत्री के अनुसार हिमाचल प्रदेश के लिए ऐसे पौधे आयात हुए हैं, जो प्लांटेशन यानी लगाने के लायक नहीं हैं। जिस मौसम में सेब के पौधे लगाए जाते हैं, उस वक्त इसे बागवानों को नहीं दिया गया। उनका कहना है कि आई.पी.एच. के 4,700 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट में कंसल्टैंसी पर जब 10 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं तो 1,134 करोड़ रुपए की बागवानी विकास परियोजना पर 100 करोड़ रुपए खर्च करना समझ से परे है।
इसी कारण तह तक पहुंचने के लिए 7 अगस्त को कंसल्टैंसी देने वाले विदेशी विशेषज्ञों को तलब किया गया है। बागवानी विकास परियोजना को लेकर जांच खुलने से अब पूर्व सरकार के दौरान इस प्रोजैक्ट से जुड़े अफसरों पर गाज गिर सकती है। प्रदेश सरकार ने अब इस प्रोजैक्ट के तहत कलस्टर को भी बंद करने का फैसला लिया है। यानी अब सरकार बिना किसी कलस्टर के ही बागवानों को उचित दाम पर सेब के पौधे उपलब्ध करवाएगी। इसी तरह प्रदेश के बागवानों को वायरस युक्त इटली के सेब के पौधे वितरित करने वाले अफसरों पर भी कार्रवाई होने की संभावना है।
प्रोजैक्ट में हेराफेरी करने वालों पर कार्रवाई होगी : महेंद्र सिंह
बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि इतने बड़े प्रोजैक्ट में हेराफेरी करके बागवानों के हितों से खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों पर जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी। इस मामले को लेकर अपनी सेवाएं देने वाले विदेशी कंसल्टैंट को 7 अगस्त को शिमला तलब किया गया है। सरकार भविष्य में विदेशों से सेब के पौधे आयात नहीं करेगी। भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर विदेशों से कलमों को मंगवाया जाएगा, जिसे प्रदेश की नर्सरी में तैयार किया जा सकता है।