Edited By Kuldeep, Updated: 02 Aug, 2024 04:48 PM
देश के बड़े एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व मॉल में कांगड़ा चाय के टी कैफे दिखाई देंगे। कांगड़ा चाय को प्रमोट करने के लिए, चाय की खपत बढ़ाने के लिए तथा आऊटसोर्स के माध्यम से रोजगार के साधन सृजित करने के लिए यह खाका खींचा गया है।
पालमपुर: देश के बड़े एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड व मॉल में कांगड़ा चाय के टी कैफे दिखाई देंगे। कांगड़ा चाय को प्रमोट करने के लिए, चाय की खपत बढ़ाने के लिए तथा आऊटसोर्स के माध्यम से रोजगार के साधन सृजित करने के लिए यह खाका खींचा गया है। इस ब्लूप्रिंट पर पालमपुर में प्रस्तावित टी बोर्ड ऑफ इंडिया की बैठक में मंथन होगा। लगभग डेढ़ दशक के पश्चात पालमपुर में 9 अगस्त को टी बोर्ड ऑफ इंडिया की बैठक का आयोजन किया जा रहा है। टी बोर्ड ऑफ इंडिया की 250वीं बैठक में यद्यपि समूचे देश के चाय उत्पादक क्षेत्र में चाय की स्थिति को लेकर चिंतन-मंथन होगा तथा आगामी रणनीति तय की जाएगी।
चूंकि बैठक टी कैपिटल ऑफ नॉर्थ इंडिया पालमपुर में होने जा रही है, ऐसे में स्वाभाविक रूप से कांगड़ा चाय के लिए भी विशेष फोकस रहेगा। कांगड़ा चाय उद्योग पूरी तरह से पटरी पर नहीं है। कभी कम होता चाय उत्पादन क्षेत्र चिंता का विषय रहा है तो कभी श्रमिक समस्या तो कभी बदलते मौसमीय परिवेश के कारण कांगड़ा चाय के उत्पादन में उतार-चढ़ाव की स्थिति। कांगड़ा चाय उद्योग से जुड़े लगभग 90 प्रतिशत छोटे चाय बागानों के लिए चाय उत्पादन से जुड़े रहना भी एक चुनौती बनकर उभरा है। ऐसे में टी बोर्ड ऑफ इंडिया की बैठक में इन सभी बिंदुओं पर गहनता से विचार होगा। कांगड़ा चाय उत्पादन को नए क्षेत्र में ले जाने को लेकर लंबे समय से कागजों पर तो माथापच्ची होती रही है परंतु धरातल पर इस दिशा में कोई पग नहीं उठ पाया है।
सदस्य टी बोर्ड ऑफ इंडिया विनय शर्मा का कहना है कि पालमपुर में टी बोर्ड ऑफ इंडिया की बैठक 9 अगस्त को होने जा रही है। इस बैठक को इस बार पालमपुर में आयोजित किए जाने का आग्रह टी बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष के समक्ष रखा गया था जिस पर उन्होंने पालमपुर में बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस बैठक में कांगड़ा चाय के प्रमोशन, उत्पादन को बढ़ाने व छोटे चाय उत्पादकों की समस्याओं तथा चुनौतियों को लेकर चिंतन-मंथन किया जाएगा ताकि कांगड़ा चाय उद्योग को सबल बनाया जा सके।