कोरोना संकट के बीच ऑक्सीजन बनाने वाली कंपनी ने कर डाला ये काम, उद्योग मालिक के खिलाफ मामला दर्ज

Edited By Vijay, Updated: 02 May, 2021 06:40 PM

oxygen making company did this work in the midst of the corona crisis

कोरोना संक्रमण से देश भर में जहां ऑक्सीजन के लिए कोहराम मचा हुआ है, वहीं हिमाचल के बद्दी स्थित ऑक्सीजन निर्माता उद्योग ने मुनाफाखोरी के लिए सारी हदें पार कर दी हैं। उद्योग ने गृह मंत्रालय व राज्य सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए धड़ल्ले से...

नालागढ़ (आदित्य): कोरोना संक्रमण से देश भर में जहां ऑक्सीजन के लिए कोहराम मचा हुआ है, वहीं हिमाचल के बद्दी स्थित ऑक्सीजन निर्माता उद्योग ने मुनाफाखोरी के लिए सारी हदें पार कर दी हैं। कंपनी ने गृह मंत्रालय व राज्य सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए धड़ल्ले से ऑक्सीजन सिलैंडर न केवल उद्योग व अन्य लोगों को बेचे बल्कि मनमाने दाम भी वसूले जबकि गृह मंत्रालय ने मेडिकल इस्तेमाल के अलावा अन्य गैर-जरूरी उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है। यही नहीं, कोविड के बढ़ते प्रकोप के बीच केंद्र सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन को एक आवश्यक वस्तु घोषित कर दिया है लेकिन बावजूद इसके बद्दी स्थित इस कंपनी ने मुनाफे के लिए करीब 3 दर्जन निजी कंंपनियों और व्यक्तियों को 700 से अधिक ऑक्सीजन सिलैंडर बेच दिए। जिला प्रशासन की गठित 6 सदस्य कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस थाना बद्दी में कंपनी के मालिक के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज किया है।

बता दें कि डीसी सोलन ने उत्पादन व आपूर्ति को विनियमित करने की दिशा में अतिरिक्त उपायुक्त अनुराग चंद्र की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया हैं, जिसमें पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी, एसडीम नालागढ़ महेंद्र पाल गुर्जर, उप निदेशक उद्योग संजय कवर, उपायुक्त राज्य कर एवं उत्पाद शुल्क वरुण कटोच और राज्य औषधि नियंत्रक नवीन मरवाह शामिल हैं। बीते शक्रवार को इस कमेटी ने बीबीएन में 3 ऑक्सीजन निर्माता उद्योगों का दौरा किया तो इंडो गैस कंपनी में निरीक्षण के दौरान कमेटी ने पाया कि यह इकाई निर्देशों का उल्लंघन कर रही है।

निरीक्षण के दौरान कमेटी में शामिल अधिकारियों ने जब पड़ताल की तो पाया कि 19 अप्रैल से 36 निजी कंपनियों और व्यक्तियों को 706 ऑक्सीजन सिलैंडर बेचे गए। कमेटी ने पाया कि उक्त कंपनी ने गृह मंत्रालय के 25 अप्रैल के निर्देशों का भी उल्लंघन किया है, जिसमें गैर-आवश्यक उद्देश्य के लिए ऑक्सीजन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था लेकिन उक्त कंपनी ने इसके बावजूद 29 अप्रैल तक इन ऑक्सीजन सिलैंडर को बेचने का क्रम जारी रखा। कमेटी ने जब उक्त कंपनी के ई-वे बिल की जांच की तो गाजियाबाद के एक डिस्ट्रीब्यूटर को 24, 25 और 27 अप्रैल को 453 ऑक्सीजन सिलैंडर बेचने की बात सामने आई। इसके अलावा कुछ व्यक्तियों को भी सिलैंडर बेचे गए थे। सूत्रों के अनुसार इसके अलावा कमेटी की पड़ताल में कुछ रिजॉर्ट, हाऊसिंग अपार्टमैंट, बैटरी, कॉस्मेटिक, केमिकल और दवा निर्माताओं को भी इस अवधि में सिलैंडर बेचे गए हैं।

कमेटी के निष्कर्षों के आधार पर डीसी सोलन केसी चमन ने एसपी बद्दी को एफआईआर दर्ज करने और मामले की जांच करन के निर्देश दिए हें। सब डिविजनल मैजिस्ट्रेट नालागढ़ को इस कंपनी द्वारा स्थानीय उद्योगों को बेचे जाने वाले सभी ऑक्सीजन सिलैंडरों को एकत्र करने के निर्देश दिए गए हैं क्योंकि प्रदेश में सिलैंडरों की खासी किल्लत हो गई है। उक्त कंपनी का लाइसैंस भी 23 मार्च तक वैद्य था। पुलिस इसकी पड़ताल कर रही है तथा ड्रग कॉस्मेटिक एक्ट के तहत भी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है

डीएसपी बद्दी नवदीप सिंह ने बताया कि डीसी सोलन से प्राप्त संयुक्त समिति की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस स्टेशन बद्दी में कंपनी के मालिक गुरदीप चंदेल के खिलाफ महामारी अधिनियम की धारा 3, डिजास्टर मैनेजमैंट एक्ट की धारा 51 व आईपीसी की धारा 188 और 336 के तहत मुकद्दमा दर्ज कर गहनता से हर पहलू की जांच शुरू कर दी गई है।

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