सरकारी बसों पर रुकने का नाम नहीं ले रही ओवरलोडिंग

Edited By Updated: 24 Mar, 2017 11:21 AM

overloading not taking name on government buses

औद्योगिक शहर परवाणु के साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी बसें ही नियमों को ठेंगा दिखा रही हैं और यहां की ...

परवाणु : औद्योगिक शहर परवाणु के साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी बसें ही नियमों को ठेंगा दिखा रही हैं और यहां की सड़कों पर चलने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में ओवरलोडिंग की जा रही है, जिसे रोकने के लिए निगम के बड़े अधिकारी भी असफल साबित हो रहे हैं। ऐसे में यहां हर रोज ओवरलोडिंग
को अंजाम देने से परिवहन निगम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। हालांकि निगम के अधिकारियों का मानना है कि परवाणु से प्राथा की ओर जाने वाली बसों में कोई भी ओवरलोडिंग नहीं होती है और यहां पर केवल 2 या 3 किलोमीटर के दायरे में ही बसों में भीड़ होती है। उसके बाद यहां से बसें खाली ही गुजरती हैं लेकिन ऐसे में सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि यदि कभी इन 2-3 किलोमीटर के दायरे में ही कोई बस हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। परिवहन विभाग के अधिकारी यहां पर बसों में हो रही ओवरलोडिंग को रोकने की बजाय अपनी सफाई देने में लगे हुए हैं। परवाणु स्थित निगम के डिपो से चलने वाली परवाणु-प्राथा की बस की छतों में भी चालकों-परिचालकों द्वारा यात्रियों को बिठाया जा रहा है। बता दें कि अभी पिछले वर्ष 2016 में भी यहां के शाशल गांव के समीप ही ओवरलोडिंग व चालक की लापरवाही के चलते एक बस हादसा हुआ था, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी ।
 
निजी बसें भी नहीं किसी से कम   
परवाणु से प्राथा की ओर जानी वाली सड़कों में सरकारी बसें तो नियमों को ठेंगा दिखा ही रही हैं बल्कि इस रूट पर चलने वाली निजी बसें भी नियमों का उल्लंघन करने में किसी से पीछे नहीं हैं। निजी बसों में एक तो पूरे जोर से स्टीरियो बजाए जाते हैं, वहीं सवारियों के उनके बस स्टॉप पर नहीं उतारा जाता। 
 

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