Edited By Vijay, Updated: 13 Dec, 2019 06:40 PM
तपोवन में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार द्वारा लाए हिमाचल प्रदेश सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (स्थापना और प्रचालन का सरलीकरण) विधेयक, 2019 का शुक्रवार को विपक्ष ने विरोध जताते हुए सदन से वाकआउट किया है तो कल सत्र के आखिरी दिन विपक्ष काली पट्टी...
धर्मशाला (नृपजीत निप्पी): तपोवन में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार द्वारा लाए हिमाचल प्रदेश सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (स्थापना और प्रचालन का सरलीकरण) विधेयक, 2019 का शुक्रवार को विपक्ष ने विरोध जताते हुए सदन से वाकआउट किया है तो कल सत्र के आखिरी दिन विपक्ष काली पट्टी बांधकर सदन में आएगा। यह जानकारी देते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जयराम सरकार बाहरी राज्यों के पूजीपंतियों को प्रदेश में खुली लूट का रास्ता खोलने की इजाजत दे रही है।
उन्होंने कहा कि हमने पहले ही सरकार को आगाह किया था कि ऐसा कोई कानून न बनाया जाए, जिसका प्रभाव स्थायी रूप से रहे। अब सरकार उक्त विधेयक लेकर आई है। पूजीपंतियों को 3 साल के लिए बिना किसी एनओसी के प्रदेश में काम करने की इजाजत देने का प्रावधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक राज्य में 2 कानून कैसे हो सकते हैं। एक तरफ तो हिमाचलियों को छोटा सा काम करने के लिए एनओसी लेने पड़ती है, वहीं बाहरी राज्यों के उद्योगपतियों को इसमें छूट दी जा रही है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम गैर-हिमाचली अफसरों से घिरे हुए हैं। ऐसे अफसर ही इस तरह के कानून सरकार से पारित करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस फैसले की पक्षधर नहीं है। हमने विरोध दर्ज करवाया है तथा कल इसी के विरोध में काली पट्टी बांधकर सदन में आने का निर्णय लिया है।