Edited By Vijay, Updated: 09 Feb, 2019 06:01 PM
सी.एम. जयराम द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान पेश किए गए दूसरे बजट को विपक्ष ने लोकसभा चुनावों के मद्देनजर लोकलुभावन बजट बताया है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि पिछली बार भी सरकार ने काफी नई योजनाएं शुरू की थीं जो पूरी नहीं हुई हैं तथा इस...
शिमला (योगराज): सी.एम. जयराम द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान पेश किए गए दूसरे बजट को विपक्ष ने लोकसभा चुनावों के मद्देनजर लोकलुभावन बजट बताया है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि पिछली बार भी सरकार ने काफी नई योजनाएं शुरू की थीं जो पूरी नहीं हुई हैं तथा इस बार वाली भी नहीं होंगी।
कर्ज की बैसाखिओं पर बजट का ताना-बाना
वहीं नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि इस बजट का ताना-बाना कर्ज की बैसाखिओं पर है। उन्होंने कहा कि इस बजट में 7786 करोड़ रुपए का घाटा दर्शाया गया है और इस बजट में 5 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावित कर्ज को दर्शाया गया है जबकि 5 हजार करोड़ पहले का भी अभी देने को है और इस तरह से कुल कर्ज 10 हजार करोड़ रुपए का हो गया है जोकि चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इस बजट की बुनियाद कर्जों पर है और इस बजट में राष्ट्रीय मार्गों का कोई भी जिक्र नहीं किया गया है।
कैसे पूरा होगा बजट में दर्शाया गया घाटा
उधर, सी.पी.आई.एम. के विधायक राकेश सिंघा ने बताया कि इस बजट में जो घाटा दर्शाया गया है वो कैसे पूरा होगा और अगर इस घाटे को पूरा करने के लिए कर्ज लिया जाएगा तो उससे मुद्रास्फीति बढ़ेगी और इसका बोझ आम जनता पर पड़ेगा, जिसका कि विपरीत असर होगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में लगातार गिरावट आ रही है जोकि एक चिंता का विषय है और प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में भी गिरावट आ रही है। प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट आ रही है।
पिछले साल के बजट से 3 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है बजट
बता दें कि सी.एम. ने 3 घंटे के बजट भाषण में लगभग 44,387 करोड़ का बजट पेश किया। जो पिछले वर्ष के 41 हजार करोड़ के बजट से लगभग 3 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। 2018-19 में राजस्व प्राप्तियां 31,189 करोड़ रुपए हैं। राजस्व व्यय 33,408 करोड़ रहने का अनुमान है। इस प्रकार कुल राजस्व घाटा 2219 करोड़ रहेगा। कुल राजकोषीय घाटा 7786 रहने का अनुमान है जो सकल घरेलू उत्पाद का 5.14 फीसदी है। घाटे को पूरा करने के लिए 4546 करोड़ ऋण लेने का अनुमान है। आगनबाड़ी से लेकर सामाजिक पैशन धारकों, आशा वर्कर, शिक्षकों, मजदूरों, वाटर गार्डों, पंचायत प्रतिनिधियों व निगम व परिषद प्रतिनिधियों को लाभ दिए गए हैं। बजट में 15 नई योजनाएं शुरू की गई हैं। खासतौर पर किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कई नई योजनाओं की शुरूआत की गई है। ये टैक्स फ्री बजट है।