टांडा मेडिकल कॉलेज में अब इस मशीन से होंगे COVID-19 के टैस्ट, जानिए कैसे करती है काम

Edited By Vijay, Updated: 15 Apr, 2020 04:44 PM

now covid 19 test will be done from this machine in tanda medical college

डॉ. राजेंद्र प्रसाद आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं चिकित्सालय टांडा में अब कोविड-19 परीक्षण में तेजी आएगी। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर द्वारा टांडा अस्पताल में क्वालिटेटिव रियल टाइम पॉलिमरेज चेन...

पालमपुर (भृगु): डॉ. राजेंद्र प्रसाद आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं चिकित्सालय टांडा में अब कोविड-19 परीक्षण में तेजी आएगी। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि  हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर द्वारा टांडा अस्पताल में क्वालिटेटिव रियल टाइम पॉलिमरेज चेन रिएक्शन मशीन की सुविधा उपलब्ध करवाई है। इस मशीन से कोविड-19 के परीक्षण की क्षमता में सुदृढ़ीकरण होगा। विशेषज्ञों के अनुसार क्यूआरटी पीसीआर अत्यधिक संवेदनशील उपकरण है जोकि लक्षित नमूनों में वायरल आरएनए की निम्न मात्रा का भी पता लगा सकता है। बता दें कि हिमालयन जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर तथा डॉ. राजेंद्र प्रसाद आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं चिकित्सालय टांडा के मध्य संयुक्त अनुसंधान को लेकर समझौता पत्र हस्ताक्षरित हुआ है। इसी कड़ी में अब इस वायरस के सिक्वैंसिंग कार्य के लिए भी मिलकर काम किया जाएगा।

क्या कहते हैं आईएचबीटी पालमपुर के निदेशक

आईएचबीटी पालमपुर के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि क्वालिटेटिव रियल टाइम पॉलिमरेज चेन रिएक्शन से टांडा मेडिकल कॉलेज में कोविड-19 परीक्षण में तेजी आएगी। वर्तमान में कोविड-19 वायरस को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर प्रेक्षण इस रोग के प्रसार के लिए प्राथमिकता बन गया है। आईएचबीटी पालमपुर ने टांडा अस्पताल में इस रोग की परीक्षण क्षमता को मजबूत करने हेतु एक महत्वपूर्ण उपकरण क्वालिटेटिव रियल टाइम पॉलिमरेज चेन रिएक्शन सुविधा उपलब्ध करवाई है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद आयुर्विज्ञान महाविद्यालय टांडा के प्राचार्य डॉ. भानु अवस्थी के अनुसार यह सुविधा उनके संस्थान द्वारा कोविड-19 परीक्षण क्षमता बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण होगी।

कैसे काम करती है मशीन

मशीन में जांच हेतु पहले रोगी के नाक या मुंह से स्वैब एकत्रित किया जाता है और उसमें विध्यमान आरएनए को मानक तरीकों द्वारा निकाला जाता है। यदि नमूने में वायरस मौजूद है तो उसका आरएनए भी इस चरण में निकाला जाता है। फिर आरएनए नमूने क्यूआरटी-पीसीआर मशीन पर लोड किए जाते हैं, जहां आरएनए पहले सीडीएनए में परिवर्तित हो जाते हैं और उसके बाद थर्मल साइकलिंग के माध्यम से वायरल सीडीएनए का प्रवर्धन होता है। प्रवर्धन प्रक्रिया को वायरल जीनोमिक अनुक्रम के लिए विशेष रूप से बाध्यकारी प्राइमरों की आवश्यकता होती है। उपयुक्त सकारात्मक एवं नकारात्मक नियंत्रणों का उपयोग करते हुए क्यूआरटी-पीसीआर मशीन क्लीनिकल नमूनों में कोविड-19 वायरस का पता लगाती है। डब्ल्यूएचओ व आईसीएमआर द्वारा इस परीक्षण का अनुमोदन है।

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