अनुसूचित जाति के लिए संविधान के प्रावधानों को लागू न करना संविधान की अहवेलना

Edited By prashant sharma, Updated: 11 Oct, 2021 03:27 PM

non implementation of provisions of constitution for scheduled castes

अनुसूचित जाति वर्ग को शैक्षणिक, आर्थिक सामाजिक, अधिकार व न्याय दिलाने के लिए लगातार आवाज बुलन्द कर रही है, लेकिन सरकारें खुले मन से संवेदनशीलता नहीं दिखा रही है। सरकारें अधिकार देने का मात्र दिखावा कर रही है।

शिमला : अनुसूचित जाति वर्ग को शैक्षणिक, आर्थिक सामाजिक, अधिकार व न्याय दिलाने के लिए लगातार आवाज बुलन्द कर रही है, लेकिन सरकारें खुले मन से संवेदनशीलता नहीं दिखा रही है। सरकारें अधिकार देने का मात्र दिखावा कर रही है। अनुसूचित जाति वर्ग को आर्थिक, शैक्षणिक न्याय व अधिकारिता के मामलों में ज्यादातर कागजों में काल्पनिक कार्य करती आ रही है। ऐसे में संविधान के प्रावधानों का खुल्लम-खुल्ला अतिक्रमण व अनादर हो रहा है। यह आरोप अनुसूचित जाति महासंघ ने सरकार पर लगाया है। अनुसूचित जाति महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष मीरसुख ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि संविधान में अनुसूचित जाति के लिए जिन आर्थिक अधिकारों का प्रावधान किया गया है उन्हें सरकार सही तरीके से लागू नही कर रही है। जिससे आर्थिक अधिकारों का शोषण हो रहा है। प्रदेश में 25 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या अनुसूचित जाति वर्ग की है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के लिए उप योजना बनाई जाती है उसका भी लाभ नही मिल पाता है। उन्होंने कहा कि वह मांगो को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे और अपने अधिकारों को सही तरीके से लागू करने की मांग उठाएंगे।
 

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