Edited By kirti, Updated: 10 Jun, 2019 12:54 PM
एनआईटी हमीरपुर में चार दिन से सफाई कर्मचारियों द्वारा नियोक्ता कम्पनी के खिलाफ की जा रही हड़ताल का मामला गर्मा गया है। वर्करों को मोहाली ट्रांसफर करने तथा वेतन न दिए जाने जैसे मुद्दों पर स्पष्टीकरण देने हमीरपुर में जितेंद्र सिंह ,ब्रांच हेड...
हमीरपुर(अरविंदर):एनआईटी हमीरपुर में चार दिन से सफाई कर्मचारियों द्वारा नियोक्ता कम्पनी के खिलाफ की जा रही हड़ताल का मामला गर्मा गया है। वर्करों को मोहाली ट्रांसफर करने तथा वेतन न दिए जाने जैसे मुद्दों पर स्पष्टीकरण देने हमीरपुर में जितेंद्र सिंह ,ब्रांच हेड इम्प्रेशन सर्विसेज तथा कुमार सौरभ, असिस्टेंट रजिस्ट्रार एनआईटी मीडिया के समक्ष आए। बता दें कि एनआईटी हमीरपुर में सफाई कर्मी पिछले चार दिनों से कामकाज ठप करके धरने पर बैठे हुए है। जिसके चलते ही अब सफाई कंपनी के द्वारा भी मामले को सुलझाने के लिए आगे आई है।
इस मौके पर एनआईटी के असिस्टेंट रजिस्ट्रार कुमार गौरव भी मौजूद रहे। कंपनी के ब्रांच हेड जितेंद्र सिंह ने हमीरपुर में पत्रकार वार्ता में कहा कि कर्मचारियों की ओर से की गई हड़ताल गलत है। कंपनी समय पर कर्मचारियों को वेतन देती है, वर्ष 2017-18 के बोनस का भुगतान कर दिया है। 2018-19 का भी जल्द ही कर दिया जाएगा। बढ़े हुए वेतन का भुगतान भी जल्द ही कर दिया जाएगा। कंपनी प्रतिनिधि ने कहा कि दस कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला और उनके समक्ष अपनी मांगें और समस्याएं रखीं।
एनआईटी गेट पर मीडिया कर्मियों के साथ हो रही बदतमीजी पर एनआईटी प्रशासन की ओर से कड़ा कदम उठाया जाएगा। यह बात असिस्टेंट रजिस्ट्रार कुमार गौरव ने कही। उन्होंने कहा कि एनआईटी के परिसर में मीडिया पर कोई रोक नहीं है और अगर किसी गार्ड के द्वारा दुर्व्यवहार किया गया है तो उसकी जांच की जाएगी और दोषी गार्ड पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं सफाई कर्मियों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को प्रबंधन की तरफ से कोई तंग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनआईटी के कुछ कर्मी हड़ताल पर नहीं गए है और वह सफाई व्यवस्था बनाए रख रहे हैं।
एनआईटी सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान पवन कुमार, सचिव पूनम और सदस्य नरेश कुमार ने कहा कि ट्रांसफर का मुद्दा मुख्य है। इसके लिए ही सारा मामला गर्माया है। कंपनी के साथ कोई सहमति नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अगर कंपनी बाहरी कर्मचारी एनआईटी में लाएगी तो वह कैंपस के अंदर उन कर्मचारियों को नहीं आने देंगे। उन्होंने कहा कि वह लोकल हैं और कई वर्षों से एनआईटी में कार्य कर रहे हैं।