एनएचएम कर्मियों ने फूंका संघर्ष का बिगुल, सीएमओ के जरिए प्रदेश सरकार को भेजा ज्ञापन

Edited By prashant sharma, Updated: 14 Jan, 2022 02:51 PM

nhm personnel blew the trumpet of struggle

राज्य स्वास्थ्य समिति अनुबंध कर्मचारी महासंघ ने मांगों को लेकर संघर्ष का बिगुल फूंक दिया है। आज जिला मुख्यालय के क्षेत्रीय अस्पताल में सीएमओ डॉ रमन शर्मा को इस संबंध में ज्ञापन सौंपकर प्रदेश सरकार से 26 जनवरी 2022 तक इस वर्ग के

ऊना (अमित शर्मा) : राज्य स्वास्थ्य समिति अनुबंध कर्मचारी महासंघ ने मांगों को लेकर संघर्ष का बिगुल फूंक दिया है। आज जिला मुख्यालय के क्षेत्रीय अस्पताल में सीएमओ डॉ रमन शर्मा को इस संबंध में ज्ञापन सौंपकर प्रदेश सरकार से 26 जनवरी 2022 तक इस वर्ग के कर्मचारियों को रेगुलर पे स्केल देने की मांग उठाई। इसके साथ ही ज्ञापन में महासंघ के नेताओं ने ऐलान किया है कि यदि अब भी सरकार उनकी मांगों को अनसुना करती है तो एनएचएम कर्मचारियों को 2 फरवरी से आंशिक हड़ताल करने को मजबूर होना पड़ेगा। जिसकी पूर्णतया जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी वर्ग की होगी। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को मान नहीं लेती तब तक हड़ताल का यह क्रम जारी रह सकता है। एनएचएम कर्मचारियों ने सीएमओ को सौंपा ज्ञापन के जरिए प्रदेश सरकार के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश और अन्य अधिकारियों से भी मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई है। 

राज्य स्वास्थ्य समिति (एनएचएम) अनुबंध कर्मचारी संघ ने शुक्रवार को प्रदेश महामंत्री गुलशन शर्मा की अगुवाई में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रमन शर्मा को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव, हिमाचल प्रदेश सरकार को 5 जनवरी 2022 को यह जानकारी दे दी गईं है कि 26 जनवरी तक यदि स्वास्थ्य समिति (एनएचएम) अनुबंध कर्मचारीयों को रेगुलर पे स्केल की अधिसुचना हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से कर दी जाती है तो स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत नियुक्त समस्त राज्य स्वास्थ्य समिति (एनएचएम) के कर्मचारी सरकार का आभार व्यक्त करेंगे अगर 26 जनवरी तक सरकार के द्वारा हमारी रेगुलर स्केल कि मांग को लेकर कोई भी सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता है तो 2 फरवरी को पहले से दी गई चेतावनी के अनुसार हम सब कर्मचारी एक दिन के लिए सांकेतिक काम छोड़ो हड़ताल करनी पड़ेगी।

‘अब तो आँखें खोलो सरकार” के स्लोगन के साथ आगामी रणनीति तय करेंगे और ये हड़ताल जब तक रेगुलर पे स्केल की मांग नहीं मान ली जाती तब तक जारी रह सकती है जिसकी जिम्मेवारी हिमाचल प्रदेश सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग राज्य समिति के अंतर्गत नियुक्त 1700 कर्मचारी, जो कि विभिन्न स्वास्थ्य समितियों के अंतर्गत पिछले 23 वर्षों से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत अपनी सेवाएं दे रहे हैं, परन्तु हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा न तो आज दिन तक इन कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जा सका व न ही रेगुलर पे स्केल का लाभ इन कर्मचारियों को दिया जा रहा है जबकि अन्य राज्यों हरियाणा, मणिपुर, छत्तीसगढ़, मिजोरम,आन्ध्र प्रदेश ने अपने इन कर्मचारियों को स्थाई निति बना दी हैप् उन्होंने चेतावनी दी है यदि अब भी सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाती है तो हम हड़ताल के लिए मजबूर होंगे और जिसके लिए मात्र हिमाचल प्रदेश सरकार ही जिम्मेवार होगी।
 

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