नई सरकार से पहले अफसरों को सता रहा तबादलों का डर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 06 Dec, 2017 05:01 PM

new government from first to the officer be persecuted fear of transfers

नई सरकार के गठन से पहले ही अफसरों को तबादलों का डर सताने लगा है। इस कारण कई अधिकारी अभी से लॉबिंग करने में जुट गए हैं। हालांकि इतना तय है कि सरकार बनते ही प्रशासन में बड़े स्तर पर फेरबदल होंगे। सत्ता परिवर्तन होने और न होने दोनों स्थितियों में...

शिमला: नई सरकार के गठन से पहले ही अफसरों को तबादलों का डर सताने लगा है। इस कारण कई अधिकारी अभी से लॉबिंग करने में जुट गए हैं। हालांकि इतना तय है कि सरकार बनते ही प्रशासन में बड़े स्तर पर फेरबदल होंगे। सत्ता परिवर्तन होने और न होने दोनों स्थितियों में व्यापक प्रशासनिक फेरबदल होगा। इसका कारण यह है कि नया मंत्रिमंडल अपने पसंद के अधिकारी की मांग कर सकता है। इसके विपरीत सत्ता परिवर्तन होने पर मुख्य सचिव से लेकर डी.जी.पी. तक फेरबदल हो सकता है। 


सोशल मीडिया में अपने पसंदीदा नेता के साथ भी नजर आने लगे अधिकारी
सत्ता परिवर्तन की आस लगाए बैठे कई अधिकारियों ने अभी से महत्वपूर्ण पदों के लिए लॉबिंग शुरू कर दी है। इसमें कुछ अधिकारी तो सोशल मीडिया में अपने पसंदीदा नेता के साथ भी नजर आने लगे हैं। इससे संकेत स्पष्ट है कि अभी से सुर्खियों में आए नेता सत्ता में आने वाले दल की नजर में रहेंगे। कांग्रेस की सत्ता में वापसी से उच्च स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल की संभावना कम है। फिर भी कई जिलों के जिलाधीश व पुलिस अधीक्षक को बदला जा सकता है। यदि भाजपा सत्ता में आई तो उच्च स्तर से लेकर निचले स्तर पर व्यापक फेरबदल होना तय है। 


रिटायर अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी होगा निर्णय
सरकार के गठन पर रिटायर अधिकारियों व कर्मचारियों की सेवाओं को जारी रखने पर अहम निर्णय होगा। कांग्रेस के सत्ता में आने पर कई रिटायर अधिकारियों व कर्मचारियों की सेवाओं को जारी रखा जा सकता है लेकिन भाजपा ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों को तुरंत घर भेज सकती है। चुनाव के समय भी प्रचार के दौरान भाजपा ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। 


कर्मचारियों के तबादलों पर नए सिरे से विचार
राज्य में कर्मचारियों के तबादलों को लेकर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की तरफ से आए ताजा निर्णय का भी अध्ययन किया जा सकता है। ताजा निर्णय में हाईकोर्ट ने मंत्री, विधायक व नेताओं की सिफारिश पर तबादले न किए जाने को कहा है, ऐसे में नई सरकार इस निर्णय का अध्ययन करके आगामी निर्णय लेगी। उल्लेखनीय है कि राज्य में कर्मचारियों के तबादलों में नेताओं की दखलंदाजी अधिक रहती है। इसमें कई कर्मचारी सत्ता का पूरा लाभ उठाते हैं जबकि कइयों को प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है।

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