‘‘नारी शक्ति’’ ने स्टिंग आप्रेशन से किया भ्रूण हत्या गिरोह का पर्दाफाश, 2 गिरफ्तार

Edited By Punjab Kesari, Updated: 04 Feb, 2018 08:04 PM

nari shakti busted feticide gang from sting operation  2 arrested

गर्भवती महिला के पेट में पल रही बच्ची को जन्म लेने से पहले ही उसके लिंग की जांच कर उसे पेट में ही मार देने के मामले में हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना जिलों में एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है, जिसमें बड़े रसूखदार लोग शामिल हैं।

हमीरपुर: गर्भवती महिला के पेट में पल रही बच्ची को जन्म लेने से पहले ही उसके लिंग की जांच कर उसे पेट में ही मार देने के मामले में हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना जिलों में एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है, जिसमें बड़े रसूखदार लोग शामिल हैं। इसका पर्दाफाश हमीरपुर जिला के डी.सी. राकेश कुमार प्रजापति व एस.पी. रमण कुमार मीणा द्वारा 4 महिला ऑफिसरों की टीम ने गत रात को 7 घंटे की गुप्त कार्रवाई के दौरान किया है। इस टीम में डी.एस.पी. हमीरपुर रेणु शर्मा, सी.एम.ओ. हमीरपुर डा. सावित्री कटवाल, डी.पी.ओ. वंदना और सब इंस्पैक्टर पूजा शामिल थीं। एक अन्य गर्भवती महिला ने भी इस पूरे स्टिंग आप्रेशन में इन 4 महिला ऑफिसरों का सहयोग किया। 

घुमारवीं में स्थित क्लीनिक में दी दबिश
जानकारी के अनुसार बीती रात को बिलासपुर जिला के घुमारवीं में इस नारी शक्ति नाम की टीम ने एक क्लीनिक में दबिश दी, जिसमें गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाऊंड कर लिंग जांच के बाद पेट में पल रही बच्ची को मार दिया जाता था। इसकी एवज में उक्त क्लीनिक का कथित डाक्टर और कन्या भ्रूण हत्या मामले में बना गिरोह मोटी रकम लोगों से वसूलता था जिसका पर्दाफाश इस नारी शक्ति टीम ने किया। इसके बाद नारी शक्ति टीम ने गिरोह की महिला सदस्य और क्लीनिक के कथित डाक्टर को रंगे हाथों 18 हजार रुपए के साथ गिरफ्तार कर लिया और क्लीनिक को भी सीज कर दिया है। 

ऐसे किया स्टिंग आप्रेशन 
रविवार को स्थानीय हीर भवन में डी.सी. हमीरपुर राकेश कुमार प्रजापति और एस.पी. रमण कुमार मीणा ने उक्त पूरे मामले और स्टिंग आप्रेशन की सारी जानकारी प्रैस वार्ता के दौरान मीडिया को दी। इस दौरान उनके साथ नारी शक्ति के नाम से बनी स्टिंग आप्रेशन की पूरी टीम भी मौजूद रही। डी.सी. हमीरपुर  ने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या मामले में शामिल गिरोह को पकडऩे के लिए 4 महिला ऑफिसरों की एक टीम बनाई थी जिसका नाम नारी शक्ति रखा था। उन्होंने बताया कि 30 जनवरी को उक्त मामले में उन्हें शिकायत मिली थी। इसके बाद पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के ऑफिसरों के साथ बैठक की। इसके बाद एक नारी शक्ति नाम से टीम गठित की गई, जिसकी कमान सब इंस्पैक्टर पूजा को सौंपी गई। 

गिरोह की महिला सदस्य ने किया खुलासा
सब इंस्पैक्टर पूजा को घड़ी वॉच कैमरे के साथ ही अन्य सुविधाएं दी गईं। इसके बाद सब इंस्पैक्टर पूजा ने कन्या भ्रूण हत्या मामले में बने गिरोह की महिला सदस्य से संपर्क किया जोकि हमीरपुर में ही एक क्लीनिक में काम करती है और नादौन उपमंडल की रहने वाली है। पूजा ने उक्त महिला को एक स्टिंग आप्रेशन के माध्यम से कैमरे में कैद किया और उसकी सारी बातें रिकार्ड कर लीं। उक्त महिला ने गर्व में पल रही बच्ची के लिंग जांच व उसे जन्म से पहले ही मारने तक का पूरा खर्चा 18 से 25 हजार रुपए तक बताया। उक्त महिला ने यह भी खुलासा किया कि हमीरपुर के केस की जांच हमीरपुर में नहीं बल्कि बिलासपुर में होगी तथा बिलासपुर के केस की जांच ऊना में होगी। इससे यह भी खुलासा हुआ है कि यह गिरोह ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर में एक जाल की भांति काम कर रहा है। 

बेहद गोपनीय रखा गया था स्टिंग आप्रेशन 
इसके बाद उक्त महिला ने 3 फरवरी का समय दिया और घुमारवीं में शाम को पहुंचने को कहा। इसके बाद नारी शक्ति टीम ने अपने स्टिंग आप्रेशन को बेहद गोपनीय रखा और जब शनिवार को शाम 5 बजे यह टीम अपने मिशन पर निकली तो उक्त पूरी टीम के मोबाइल फोन भी कब्जे में ले लिए गए थे ताकि इस स्टिंग आप्रेशन का किसी को कोई पता न चल सके। इसके बाद घुमारवीं में एक क्लीनिक में रंगे हाथों लिंग जांच और फिर लड़की होने पर उसकी हत्या करने के मामले में एक कथित डाक्टर को पकड़ा जोकि रेडियोलॉजिस्ट भी नहीं है और अल्ट्रासाऊंड कर रहा है। 

मामले में फंसेंगी कई बड़ी मछलियां  
एस.पी. हमीरपुर रमण कुमार मीणा ने बताया कि इस पूरे स्टिंग आप्रेशन को बेहद गोपनीय रखा गया था तथा इसे कामयाब बनाने के लिए 30 जनवरी से 3 फरवरी तक कई बार डी.सी. हमीरपुर से बैठकें की गईं। उन्होंने बताया कि कन्या भू्रण हत्या मामले में हुए इस पर्दाफाश में एक पूरा गिरोह शामिल है। इस गिरोह की महिला सदस्य पुलिस ने 18 हजार रुपए के साथ रंगे हाथों पकड़ी है। इसके माध्यम से कई और बड़ी मछलियां भी पकड़ में आएंगी। उन्होंने बताया कि इस पूरी कार्रवाई में एक व्यक्ति घुमारवीं का ही गिरफ्तार हुआ है जोकि सरकारी गवाह बन गया है, जिसे बाद में जमानत पर छोड़ दिया है।

मामले की तह तक जाने में जुटी डी.सी. और एस.पी.
टीम के इस स्टिंग आप्रेशन के उपरांत डी.सी. हमीरपुर राकेश कुमार प्रजापति और एस.पी. हमीरपुर रमण कुमार मीणा जल्द ही एफ.एस.एल. टीम को बुलाकर उक्त क्लीनिक के अल्ट्रासाऊंड की हार्ड डिस्क को कब्जे में लेकर पूरी तह तक जाने के लिए आगामी कार्रवाई में जुट गए हैं। 

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