Edited By Vijay, Updated: 25 Jan, 2019 11:45 PM
इंसान के जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है और शिक्षा के इस महत्व को जानने वाले अपनी पढ़ाई को पूरा करने के लिए हर दुविधा को झेल लेते हैं। शिक्षा के महत्व को दर्शाता हुआ एक वाकया उस समय सामने आया जब नम्रता की शादी के दिन 25 जनवरी को ही रोपड़ में दोपहर...
संतोषगढ़ (मनीश): इंसान के जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है और शिक्षा के इस महत्व को जानने वाले अपनी पढ़ाई को पूरा करने के लिए हर दुविधा को झेल लेते हैं। शिक्षा के महत्व को दर्शाता हुआ एक वाकया उस समय सामने आया जब नम्रता की शादी के दिन 25 जनवरी को ही रोपड़ में दोपहर की 2 से 5 बजे वाली शिफ्ट में बी.एड. का मनोविज्ञान का पेपर आ गया। नंगल सैक्टर 2 के निवासी सुरेश गिरी की बेटी जोकि पहले भौतिक विज्ञान में एम.एससी. कर चुकी है और अब बी.एड. की पढ़ाई करने वाली नम्रता के सामने शादी और परीक्षा एक ही दिन होने के कारण उसने पहले पेपर देने के बाद सात फेरे लिए।
परिजनों व पति ने परीक्षा को दिया महत्व
जब परीक्षा और शादी की तारीख एक ही हो गई, तब नम्रता पशोपश में पड़ गई, ऐसे में परिवार वालों और उसके पति अंकित कौशल ने आग्रह किया कि वह परीक्षा को महत्व दे क्योंकि पढ़ाई महत्वपूर्ण है। उसके पिता सुरेश गिरी ने बताया कि वर्तमान में बेटी का पढ़ा-लिखा होना बहुत ही आवश्यक है। तब नम्रता ने तय किया कि पहले परीक्षा देगी और उसके बाद फिर सात फेरे लेगी। ऐसे में नम्रता ने पढ़ाई को महत्व देते हुए पहले नंगल से रोपड़ जाकर परीक्षा दी, उसके बाद सात फेरे लिए।
सास-ससुर ने सराहा नम्रता का निर्णय
इस बारे नम्रता के ससुर सतीश कुमार और सास रीटा ने कहा कि उन्हें अपनी बहू नम्रता के विद्या के महत्व को समझते हुए शादी के दिन ही पेपर देने के फैसले पर गर्व है।