नागालैंड के पूर्व राज्यपाल व सीबीआई निदेशक रहे अश्विनी कुमार ने लगाया फंदा

Edited By Vijay, Updated: 07 Oct, 2020 10:16 PM

mysterious death of former governor cbi director

नागालैंड व मणिपुर के पूर्व राज्यपाल तथा वर्ष 1973 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी डॉ. अश्विनी कुमार ने बुधवार को शिमला के ब्राकहास्ट स्थित अपने आवास में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

सुसाइड नोट में लिखा-मैं जिंदगी से तंग आकर अगली यात्रा पर निकल रहा हूं।

शिमला (कुलदीप/योगराज): नागालैंड व मणिपुर के पूर्व राज्यपाल तथा वर्ष 1973 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी डॉ. अश्विनी कुमार ने बुधवार को शिमला के ब्राकहास्ट स्थित अपने आवास में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस सूत्रों के अनुसार उनका शव उनके आवास पर फंदे से लटका पाया गया। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक मोहित चावला के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम तुरंत मौके पर पहुंची तथा घटना की छानबीन शुरू कर दी। घटना स्थल पर एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें लिखा गया है कि मैं जिंदगी से तंग आकर अगली यात्रा पर निकल रहा हूं।

सिरमौर जिला के रहने वाले थे अश्विनी कुमार

70 वर्षीय डॉ. अश्विनी कुमार का जन्म सिरमौर जिला के नाहन में हुआ था। उन्होंने प्रदेश में डीजीपी से लेकर विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। वह सीबीआई के निदेशक भी रहे तथा शिमला स्थित निजी यूनिवर्सिटी एपीजी में चांसलर पद की कुर्सी भी संभाली। वह अगस्त 2008 से नवम्बर 2010 तक सीबीआई के निदेशक, अगस्त 2006 से जुलाई 2008 तक हिमाचल प्रदेश के डीजीपी, 21 मार्च 2013 से 27 जून 2014 तक नागालैंड और 29 जुलाई 2013 से 23 दिसम्बर 2013 तक मणिपुर के राज्यपाल रहे।

आत्महत्या के कारणों की जांच में जुटी पुलिस

पुलिस अधीक्षक मोहित चावला का कहना है कि अभी तक आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चला है तथा पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है। सूत्रों के अनुसार फोरैंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया है ताकि सभी पहलुओं की पड़ताल की जा सके। ऐसे में शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही किसी तथ्य पर पहुंचा जा सकेगा।

इन पहलुओं को लेकर भी की जा रही पड़ताल

पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टि में यह आत्महत्या का मामला लगता है, फिर भी सभी पहलुओं को देखकर पड़ताल की जा रही है। ऐसा व्यक्ति जो प्रदेश में डी.जी.पी. और सी.बी.आई. के निदेशक पद पर रहा हो, उसके आत्महत्या करने की बात समझ से परे है। ऐसे में यह भी देखा जा रहा है कि कहीं उनकी हत्या तो नहीं की गई है।

फर्जी डिग्री केस भी एक पहलू

डॉ. अश्विनी कुमार राज्यपाल का पद छोडऩे के बाद जिस निजी विश्वविद्यालय के चांसलर रहे हैं, उसकी सीआईडी की तरफ से फर्जी डिग्री मामले में जांच भी की जा रही है। हालांकि डॉ. अश्विनी कुमार को कभी भी इस मामले से जोड़कर नहीं देखा गया है।

मुख्यमंत्री ने शोक जताया

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व राज्यपाल डॉ. अश्विनी कुमार के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना प्रकट की है।

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