दुकानों के किराए की रेट लिस्ट रिवाइज्ड करने में जुटा नगर निगम, जानिए क्यों

Edited By Vijay, Updated: 28 Nov, 2018 03:01 PM

municipal corporation revised rate list of fare of shops

नगर निगम शहर में अपनी दुकानों, स्टालों सहित जमीन की लीज मनी बढ़ाने की तैयारियों में लग गया है। प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना करते हुए निगम प्रशासन दुकानों के किराए की रेट लिस्ट रिवाइज्ड करने में जुट गया है ताकि मामले को जल्द ही हाऊस के समक्ष...

शिमला: नगर निगम शहर में अपनी दुकानों, स्टालों सहित जमीन की लीज मनी बढ़ाने की तैयारियों में लग गया है। प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना करते हुए निगम प्रशासन दुकानों के किराए की रेट लिस्ट रिवाइज्ड करने में जुट गया है ताकि मामले को जल्द ही हाऊस के समक्ष रखा जाए और फैसला लिया जा सके। प्रशासन किराया बढ़ौतरी को लेकर हर पहलुओं पर बारीकी से अध्ययन कर रहा है, साथ ही कई बिंदुओं पर कानूनी राय लेने में भी जुट गया है ताकि स्थिति स्पष्ट रहे। किराया बढ़ौतरी को लेकर एम.सी. दिसम्बर माह में मामले को लेकर हाऊस आयोजित करेगा, जिसमें दुकानों के किराए को बढ़ाने संबंधित मामले को मंजूरी मिलेगी। इसके बाद मामले की स्टेटस रिपोर्ट निगम प्रशासन को कोर्ट के समक्ष रखनी होगी।

कई दर्शकों से नहीं की संपत्तियों में बढ़ौतरी

नगर निगम ने पिछले कई दर्शकों से अपनी संपत्तियों के किराए में बढ़ौतरी नहीं की है इससे निगम को वित्तिय नुकसान उठाना पड़ रहा है ऐसे में कोर्ट के आदेशों के तहत निगम अपनी आर्थिकी को सुधारने के लिए दुकानों के किराए में बढ़ौतरी करने का प्रस्ताव तैयार किया हैं। निगम प्रशासन की ओर से किराया बढ़ौतरी को लेकर जो मसौदा तैयार किया गया है उसके तहत निगम को सालाना 3 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी होगी। इससे निगम अपनी आय के संसाधनों को मजबूत करेगा।

एरिया आधार पर निगम बढ़ाएगा किराया

किराया बढ़ौतरी को लेकर गठित कमेटी द्वारा जो सिफारिशें की गई है इसके तहत नगर निगम शहर में अपनी दुकानों को किराया एरिया आधार यानि वर्ग मीटर के हिसाब से बढ़ाएंगा। प्रशासन का तर्क है कि निगम ने जब दुकानें आंबटित की थी तो उसका क्षेत्रफल कम था, लेकिन अब दुकानदारों ने दुकानों के भीतर अवैध अतिक्रमण कर रखा है ऐसे में जिस दुकान का जितना एरिया होगा उसी आधार पर किराया बढ़ाया जाएगा।

डिफाल्टरों की सूची कोर्ट के समक्ष पेश करेगा नगर निगम

नगर निगम को सालों से दुकानों का किराया, स्टालों व जमीन की लीज मनी को भुगतान नहीं करने वाले डिफाल्टरों की लिस्ट निगम कोर्ट के समक्ष पेश करेगा। निगम के पास मौजूदा समय में 125 डिफाल्टर ऐसे है जो नोटिस देने केबाद भी किराया नहीं दे रहे है ऐसे में इन डिफाल्टरों पर कार्रवाई की जाएगी।

शहर में निगम की 987 संपत्तियां

शहर में नगर निगम की 987 दुकानें व स्टाल हैं, जिन्हें निगम ने आगे किराए पर दे रखा है। इसके अलावा 153 संपत्तियां ऐसी हंै, जिन्हें एम.सी. ने लीज पर दे रखा है। निगम ने 1950 और 60 के बाद से शहर में दुकानों का किराया नहीं बढ़ाया है।

3 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

दुकानों के किराए व लीज मनी में बढ़ौतरी मामले को लेकर कोर्ट में 3 जनवरी को अगामी सुनवाई होगी। इस सुनवाई को नगर निगम प्रशासन को कोर्ट के आदेशों के तहत की गई कार्रवाई से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी होगी।

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