नगर निगम: एक मानदंड पूरा-दूसरा अधूरा

Edited By Ekta, Updated: 12 Sep, 2018 11:06 AM

municipal corporation one criteria full second incomplete

नगर परिषद से नगर निगम के सफर के लिए निर्धारित एक मानदंड को तो अकेले नगर परिषद ही अपने दम पर पूरा कर रही है जबकि दूसरे के लिए पंचायतों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश म्यूनिसिपैलिटी एक्ट 1994 में निर्धारित मानदंडों में जनसंख्या तथा राजस्व 2...

पालमपुर (भृगु): नगर परिषद से नगर निगम के सफर के लिए निर्धारित एक मानदंड को तो अकेले नगर परिषद ही अपने दम पर पूरा कर रही है जबकि दूसरे के लिए पंचायतों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश म्यूनिसिपैलिटी एक्ट 1994 में निर्धारित मानदंडों में जनसंख्या तथा राजस्व 2 प्रमुख बिंदु हैं, जिनके आधार पर भी ही नगर परिषद को नगर निगम बनाया जा सकता है। जनसंख्या का आंकड़ा 50 हजार या इससे अधिक हो, वहीं दूसरी शर्त 2 करोड़ से अधिक वार्षिक राजस्व है। 50 हजार की जनसंख्या के नगर परिषद के साथ लगती लगभग 12 से 15 पंचायतों को जोड़े जाने की आवश्यकता पड़ सकती है परंतु 2 करोड़ वार्षिक राजस्व के जुटाने के आंकड़े को अकेले नगर परिषद ही पूरा कर रही है।

वर्ष 2017-18 के आंकड़ों के अनुसार नगर परिषद की वार्षिक आय लगभग 2 करोड़ 85 लाख 98 हजार 468 रुपए रही है। हिमाचल प्रदेश म्यूनिसिपैलिटी एक्ट 1994 की धारा 3 (2) के अंतर्गत यह शर्तें पूरी होने पर ही नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा दिया जा सकता है। पालमपुर नगर परिषद का विस्तारीकरण कर साथ लगती पंचायतों को इससे जोड़े जाने का जो होमवर्क किया जा रहा है उसमें जनसंख्या का आंकड़ा पूरा होता दिख रहा है। बताया जा रहा है जो ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है उसमें पंचायतों को मिलाकर जनसंख्या का आंकड़ा 58 हजार से 62 हजार के मध्य बैठ रहा है। 

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