केंद्र सरकार ने मारा प्रदेश का हक : मुकेश अग्निहोत्री

Edited By Updated: 03 Dec, 2016 01:26 AM

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उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने स्वां तटीकरण को लेकर केंद्र सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि...

हरोली: उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने स्वां तटीकरण को लेकर केंद्र सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब पर तो मेहरबानी दिखाई जा रही है जबकि हिमाचल प्रदेश का हक मारते हुए एक चलता हुआ प्रोजैक्ट रोक दिया गया है। मंत्री ने कहा कि देश के लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसा संभवत: पहली बार हुआ है कि किसी प्रोजैक्ट को बीच में रोककर जनता के हितों की बलि चढ़ा दी गई हो। 

प्रदेश सरकार द्वारा लगातार की गई पैरवी के चलते पूर्व यू.पी.ए. सरकार ने ऊना जिला में स्वां नदी के तटीकरण के लिए 922 करोड़ रुपए का प्रोजैक्ट मंजूर किया था। मार्च, 2017 में पूरा होने वाला यह प्रोजैक्ट अधर में लटक गया है। उन्होंने कहा कि 922 करोड़ रुपए के इस प्रोजैक्ट पर 80 फीसदी राशि केंद्र द्वारा वहन की जानी थी जबकि 20 प्रतिशत हिमाचल प्रदेश का शेयर था। हिमाचल प्रदेश ने अपने शेयर से अधिक 215 करोड़ रुपए इस प्रोजैक्ट पर खर्च कर दिए हैं जबकि केंद्र द्वारा अब तक सिर्फ 190 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। 

पंजाब को जारी किए 280 करोड़ रुपए 
बाथड़ी से आगे जहां पंजाब की सीमा शुरू होती है, वहां से आनंदपुर साहिब तक स्वां नदी के तटीकरण के लिए केंद्र ने पंजाब सरकार को 280 करोड़ रुपए की राशि मंजूर कर दी है। उन्होंने इस बात पर हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के साथ पंजाब के अधिकारियों की बैठक 22 नवम्बर को होती है और 23 नवम्बर को केंद्र द्वारा आनन-फानन में पंजाब को 280 करोड़ रुपए जारी कर दिए जाते हैं जबकि टाहलीवाल से बाथड़ी तक तटीकरण के लिए 46 करोड़ 80 लाख रुपए का प्रोजैक्ट भारत सरकार ने मई, 2015 में मंजूर किया था लेकिन आज दिन तक इसका एक भी पैसा नहीं दिया गया। 

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री भी नहीं कर रहीं कार्रवाई
उद्योग मंत्री ने कहा कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के पास कई बार इस प्रोजैक्ट को लेकर फाइल प्रस्तुत की गई लेकिन उनके द्वारा भी बार-बार इस फाइल को लंबित रखा जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा इस प्रोजैक्ट के तहत केंद्र को 224.35 करोड़ के क्लेम भेजे गए थे, जिसमें से वर्ष 2015-2016 में सिर्फ 26 करोड़ रुपए केंद्र द्वारा रिलीज किए गए। इस साल माननीय उच्च न्यायालय के दखल के बाद सिर्फ 50 करोड़ रुपए जारी किए गए और अभी तक 126 करोड़ की राशि जारी नहीं की गई है। इस प्रोजैक्ट में ठेकेदारों की 50 करोड़ की देनदारियां हैं।

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