प्रदेशभर में 700 से ज्यादा ब्लैक स्पॉट्स

Edited By kirti, Updated: 23 Jun, 2018 05:06 PM

more than 700 black spots across the state

हिमाचल सरकार ने विभिन्न विभागों से ब्लैक स्पॉट्स की सूची मांगी है। सरकार ने फोरलेन, डबल लेन तथा अन्य संपर्क मार्गों पर नए ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित करने को कहा है ताकि ऐसी जगह पर बार-बार होने वाले सड़क हादसों को टाला जा सके। सरकार ने लोक निर्माण विभाग,...

शिमला : हिमाचल सरकार ने विभिन्न विभागों से ब्लैक स्पॉट्स की सूची मांगी है। सरकार ने फोरलेन, डबल लेन तथा अन्य संपर्क मार्गों पर नए ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित करने को कहा है ताकि ऐसी जगह पर बार-बार होने वाले सड़क हादसों को टाला जा सके। सरकार ने लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस और 108 एॅबुलैंस सेवा प्रदाता कंपनी को भी ब्लैक स्पॉट्स की सूची देने को कहा है। एम्बुलैंस सेवा प्रदाता कंपनी को पहली बार इसलिए बोला गया है कि क्योंकि हर बार दुर्घटना के वक्त 108 एम्बुलैंस घायलों को अस्पताल लाने के लिए मौके पर पहुंचती है। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर हुए हादसों का भी कंपनी के पास ब्यौरा रहता है। कांगड़ा के  नूरपुर और ठियोग के गजैड़ी बस हादसे के बाद सरकार ने ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने के काम में तेजी लाने का फैसला लिया है।

ब्लैक स्पॉट्स को दुरुस्त करने के लिएबजट की मांग मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वयं दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गड़करी से कर चुके हैं। पहाड़ी राज्य होने के कारण प्रदेश में खासकर तीखे मोड़ व संकरी सड़कों पर बहुत ज्यादा सड़क हादसे होते रहते हैं, इस कारण हर साल सैंकड़ों लोगों की मौत हो जाती है। प्रदेश में पी.डब्ल्यू.डी., परिवहन और पुलिस महकमा मिलकर ब्लैक स्पॉट्स को चिन्हित करने का काम करते हैं। इनकी रिपोर्ट के आधार पर ब्लैक स्पॉट्स को दुरुस्त करने के लिए विभाग विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करता है लेकिन बजट के अभाव में ज्यादातर ब्लैक स्पॉट्स दुरुस्त नहीं हो पाते। अभी भी प्रदेश में 700 से ज्यादा ब्लैक स्पॉट्स बताए जा रहे हैं। जैसे-जैसे नई सड़कें बन रही हैं, ब्लैक स्पॉट्स भी बढ़ते जा रहे हैं।

कैसे होता है चयन?
दुर्घटना संभावित क्षेत्र या तीखे कर्व को ब्लैक स्पॉट कहा जाता है। ऐसे क्षेत्रों का चयन पी.डब्ल्यू.डी., परिवहन विभाग और पुलिस द्वारा संयुक्तरूप से किया जाता है। ऐसे स्थानों पर हादसों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए तीखे कर्व को चौड़ा करने के अलावा क्रैश बैरियर व पैरापिट लगाए जाते हैं, साथ ही चालकों को अलर्ट करने के लिए तीखे मोड़ के साइन बोर्ड लगाए जाते हैं।

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