Edited By Rahul Singh, Updated: 25 Aug, 2024 11:06 AM
26 अगस्त को जन्माष्टमी के पावन अवसर पर 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं के मणिमहेश यात्रा पर आने का अनुमान है। जब से अधिकारी तौर पर यात्रा पर आने वालों का पंजीकरण करने की प्रक्रिया शुरू हुई है तब से लेकर अब तक 15 हजार लोगों का पंजीकरण हो चुका है। उधर,...
हिमाचल। 26 अगस्त को जन्माष्टमी के पावन अवसर पर 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं के मणिमहेश यात्रा पर आने का अनुमान है। जब से अधिकारी तौर पर यात्रा पर आने वालों का पंजीकरण करने की प्रक्रिया शुरू हुई है तब से लेकर अब तक 15 हजार लोगों का पंजीकरण हो चुका है। उधर, जन्माष्टमी पर डल झील में स्नान को लेकर भरमौर प्रशासन ने यात्रा की सभी व्यवस्था पूरी कर ली हैं। एडीएम भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने बताया कि ठंड से बचने के लिए डल व गौरीकुंड में बालन (जलाने के लिए लकड़ी) पहुंचा दी गई है। जैसे-जैसे और मांग आएगी तो भेज दी जाएगी।
हड़सर से मणिमहेश डल झील तक विभिन्न स्थानों पर पानी पीने के लिए नल लगा दिए गए हैं। हड़सर से मणिमहेश डल तक पैदल मार्ग का निर्माण कर लिया गया है। जगह-जगह पर सोलर लाईट लगाई गई हैं। धनछो के पास पर्यटन विभाग ने टेंट व्यवस्था की हुई । किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति से निपटने को हड़सर से डल तक एनडीआरएफ सहित दो अन्य एजेंसियों के जनावों की तैनाती की गई है। पुलिस व गृहरक्षक जवानों पर यात्रा को व्यवस्थित बनाए रखने का जिम्मा सौंपा गया है। मुख्य पड़ावों पर चिकित्सा शिविर कैंप स्थापित किए गए हैं जन्माष्टमी के बाद 11 सितंबर को राधाष्टमी पर बड़ा नौण होता है। इसमें भी करीब 50 हजार श्रद्धालु हर साल यहां डल झील में स्नान करने पहुंचते हैं।
पहली बार तीन बेड का अस्पताल
मणिमहेश यात्रा के दौरान पहली बार सुंदरासी के पास तीन बेड़ का अस्पताल स्थापित किया गया है जिसमें एक समय में तीन लोगों को बेहतर उपचार सुविधा मिलेगी। मणिमहेश डल झील पर सूचना केंद्र भी स्थापित किया गया है ताकि मणिमहेश के मौसम के बिगड़ने वाले मिजाज की जानकारी समय रहते लोगों तक पहुंचाई जा सके। एडीएम ने बताया कि बीते एक माह से अनौपचारिक रूप से यह यात्रा शुरू हो चुकी है जिसमें 1 लाख श्रद्धालु यात्रा कर चुके हैं। जन्माष्टमी के पावन अवसर पर मणिमहेश के पहले स्नान में 50 हजार लोगों डल पर पहुंचने की उम्मीद है।