Edited By Ekta, Updated: 01 Jun, 2018 12:55 PM
सूर्य की रोशनी से सूखे की मार से बंजर हुए खेतों को अब पानी मिलेगा। सोलर लिफ्टिंग पंपों द्वारा लिफ्ट किए गए पानी से बंजर खेतों में नमी आएगी। कुल्लू से 95 सामूहिक और 11 व्यक्तिगत मामलों की फाइलें मंजूरी के लिए कृषि निदेशालय को भेजी गई हैं। किसान सोलर...
कुल्लू (शम्भू प्रकाश): सूर्य की रोशनी से सूखे की मार से बंजर हुए खेतों को अब पानी मिलेगा। सोलर लिफ्टिंग पंपों द्वारा लिफ्ट किए गए पानी से बंजर खेतों में नमी आएगी। कुल्लू से 95 सामूहिक और 11 व्यक्तिगत मामलों की फाइलें मंजूरी के लिए कृषि निदेशालय को भेजी गई हैं। किसान सोलर लिफ्टिंग पंप अपने खेतों व बगीचों में 90 प्रतिशत अनुदान पर स्थापित करवा सकते हैं। कृषि विभाग और सायल कंजरवेशन की ओर से इसके लिए करीब 14 करोड़ रुपए का फंड मांगा गया है। इससे सिंचाई के लिए किसान बागवान पानी लिफ्ट कर सकेंगे।
जिन किसानों व बागवानों की एक ही जगह पर डेढ़ या दो तथा इससे अधिक हैक्टेयर जमीन है, उन्होंने व्यक्ति स्तर पर इस योजना के तहत पंप स्थापित करवाने के लिए आवेदन किए हैं। एक स्थान पर कम जमीन वाले कई बागवानों ने सामूहिक तौर पर पंप की स्थापना के लिए आवेदन कर रखे हैं जिन्हें निदेशालय को भेजा गया है। ,पंप किस क्षमता का स्थापित करना है इसके लिए टीम मौके का दौरा करेगी और कितनी दूरी से पानी को लिफ्ट करना है इसका भी जायजा लिया जाएगा। इसके लिए पानी के भंडारण के लिए टैंकों का भी निर्माण होगा जो कार्य अनुदान पर किया जा सकेगा।
ज्यादा धूप व गर्मी वाले इलाकों में ज्यादा कारगर
सोलर ज्यादा धूप व ज्यादा गर्मी वाले क्षेत्रों में ज्यादा कारगर साबित हो सकते हैं। ज्यादा धूप व ज्यादा गर्मी से अधिक ऊर्जा को संरक्षित कर इसे पानी को लिफ्ट करने के लिए खर्च किया जाएगा। हालांकि अत्यधिक ठंडे क्षेत्रों में भी यह पंप काम करेंगे लेकिन खराब मौसम में ऊर्जा को संरक्षित करने में परेशानी हो सकती है।
सिंचाई के लिए और भी योजनाएं
लघु लिफ्ट सिंचाई योजना के तहत भी किसान अपने खेतों में पंप लगवा सकते हैं। इसमें किसानों को 7000 रुपए तक की सब्सिडी पर पंप मुहैया करवाए जाएंगे। इसमें किसान सामूहिक तौर पर कुल छह बीघा जमीन के लिए भी लाभ उठा सकते हैं। मध्यम लिफ्ट सिंचाई योजना के तहत दो लाख रुपए तक की सब्सिडी है। सामूहिक तौर पर किसान 25 बीघा तक जमीन के लिए इसका लाभ ले सकते हैं। व्यक्तिगत तौर पर भी किसान एक हैक्टेयर जमीन के लिए इसका लाभ ले सकते हैं।