Edited By Vijay, Updated: 05 Sep, 2024 10:59 AM
डाॅ. राधाकृष्णन मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में संचालित 800 एलपीएम ऑक्सीजन प्लांट (पीएसए) को जल्द ही बंद किया जा सकता है।
हमीरपुर (अजय): डाॅ. राधाकृष्णन मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल हमीरपुर में संचालित 800 एलपीएम ऑक्सीजन प्लांट (पीएसए) को जल्द ही बंद किया जा सकता है। इस प्लांट के ऑडिट के लिए बनाई गई विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम इसे बंद करवाने बारे प्रपोजल उच्चाधिकारियों को भेज रही है। बताया जा रहा है कि इस प्लांट से 2 मेडिकल वार्डों मेल और एक फीमेल वार्ड समेत गायनी वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है। इन 3 वार्डों में करीब 75 बिस्तर इस सप्लाई से कनैक्टड हैं परंतु मौजूदा समय में इनमें ऑक्सीजन की कंजप्शन कम है और इस प्लांट पर लागत बहुत ज्यादा है।
हर महीने देना पड़ रहा 4 लाख रुपए का बिजली बिल
सूत्रों के मुताबिक इस अकेले प्लांट से हर महीने करीब 4 लाख रुपए का बिजली बिल काॅलेज प्रशासन की देनदारी बन जाता है। इस कारण काॅलेज प्रशासन पर इसका अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। अब काॅलेज प्रशासन द्वारा अपना और सरकार का खर्चा कम करने के लिए ऑक्सीजन सिलैंडर के जरिए इन वार्डों में ऑक्सीजन मुहैया करवाई जाएगी, जिस पर प्रशासन का खर्चा काफी कम आएगा। यह भी सामने आया है कि प्लांट से बहुत मात्रा में ऑक्सीजन जैनरेट होती है और इतनी ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती, परंतु खर्चा ज्यादा आता है। हालांकि काॅलेज में ऐसे 3 प्लांट स्थापित किए गए हैं, परंतु इनमें सबसे बड़ा प्लांट 800 एलपीएम का है, 2 प्लांट सुचारू रूप से चलते रहेंगे।
कोविड काल के दौरान स्थापित किए गए थे प्लांट
बता दें कि कोविड काल के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते इन प्लांटों को स्थापित किया गया था। उस समय जिले का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान होने के चलते अधिकांश मरीजों को यहां भर्ती किया जाता था और इन प्लांटों का बेहद महत्व था, परंतु अब वार्डों में ऑक्सीजन की जरूरत काफी कम लोगों को पड़ती है, इसलिए प्रशासन इस तरह का फैसला ले रहा है। कालेज के पास अपने करीब 1 हजार ऑक्सीजन सिलैंडर उपलब्ध हैं, उन्हें रिफिल करवाकर जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन मुहैया करवाई जाएगी।
प्लांट को बंद किए जाने पर चल रहा विचार : एमएस
इस बारे मेडिकल काॅलेज के अधीक्षक डाॅ. अजय शर्मा ने बताया कि काॅलेज में चल रहे 3 प्लांटों से 1 प्लांट 800 एलएमपी पीएसए को बंद किए जाने पर विचार चल रहा है। इसकी प्रपोजल वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जा रही है। इस पर खर्चा बहुत आ रहा है और जितनी ऑक्सीजन सप्लाई हो रही है, मरीजों के हिसाब से उसकी जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारे पास ऑक्सीजन सिलैंडर बहुत ज्यादा हैं, उनके माध्यम से जरूरतमंद लोगों को ऑक्सीजन मुहैया करवाई जाएगी।
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