दुल्हन लाने से पहले देश पर कुर्बान हुए प्रवीण शर्मा, रक्षाबंधन से चंद दिन पहले 2 बहनों से बिछड़ा इकलौता भाई

Edited By Vijay, Updated: 11 Aug, 2024 06:50 PM

martyr parveen sharma

सिरमौर जिला के उपमंडल राजगढ़ की उपतहसील पझौता के पालू गांव से संबंध रखने वाले लांस नायक पैरा कमांडो प्रवीण शर्मा जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए हैं।

राजगढ़ (गोपाल): सिरमौर जिला के उपमंडल राजगढ़ की उपतहसील पझौता के पालू गांव से संबंध रखने वाले लांस नायक पैरा कमांडो प्रवीण शर्मा जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए हैं। महज 30 साल की उम्र में यह बहादुर बेटा भारत मां की रक्षा के लिए वीरगति को प्राप्त हो गया। प्रवीण शर्मा वन पैरा स्पैशल फोर्स में तैनात थे।

माता-पिता के बुढ़ापे का सहारा और 2 बहनों का था इकलौता भाई
शहीद प्रवीण शर्मा अपने माता-पिता का इकलौता बेटा होने के साथ-साथ उनके बुढ़ापे का सहारा था। शहीद प्रवीण अपने पीछे मां रेखा शर्मा और पिता राजेश शर्मा व दादी चम्पा देवी सहित अपनी 2 बहनों पूजा व आरती को छोड़ गए हैं। पूजा व आरती की पहले ही शादी हो चुकी है। रक्षाबंधन से चंद दिन पहले 2 बहनों का यह इकलौता भाई भारत मां पर कुर्बान हो गया है। वहीं शहीद के पिता राजेश शर्मा पालू में ही एक छोटी-सी करियाने की दुकान चलाते हैं।

मातम में बदलीं शादी की तैयारियां
जानकारी के अनुसार परिजनों ने शहीद प्रवीण शर्मा की शादी तय कर दी थी, जिसके लिए तैयारियां भी आरंभ हो चुकी थीं। अक्तूबर माह में शहीद की शादी तय हुई थी, लेकिन अनहोनी को कुछ और ही मंजूर था। दुल्हन लाने से पहले ही बहादुर बेटा प्रवीण वीरगति को प्राप्त हो गया।

ऑप्रेशन रक्षक का हिस्सा थे शहीद प्रवीण
पूर्व सैनिक से मिली जानकारी के अनुसार जिस ऑप्रेशन रक्षक में पैरा कमांडो लांस नायक प्रवीण शर्मा शामिल थे, वह ऑप्रेशन रक्षक जून 1990 में जम्मू और कश्मीर में उग्रवाद के चरम सीमा पर रहते हुए शुरू किया गया था। यह एक आतंकवाद रोधी ऑप्रेशन है। शहीद प्रवीण शर्मा को भी इसके लिए चुना गया था और वह अदम्य साहस का परिचय देने के दौरान वीरगति को प्राप्त हो गए।

हाब्बन से पहले भी शहीद हो चुके हैं 2 युवा
बता दें कि ग्राम पंचायत हाब्बन से देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले प्रवीण शर्मा तीसरे युवा हैं। इससे पहले यहां हाब्बन पंचायत के शिवपुर गांव से शहीद भीम सिंह व पालू गांव से शहीद हितेश शर्मा भी देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे चुके हैं।

सैन्य सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
डीसी सुमित खिमटा ने बताया कि शहीद की पार्थिव देह सोमवार सुबह चंडीगढ़ पहुंचेगी। प्रशासन द्वारा चंडीगढ़ से पार्थिव देह को लाने के लिए एम्बुलैंस का प्रबंध किया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एसडीएम राजगढ़ को भी उचित दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सोमवार को पैतृक गांव हाब्बन में सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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