नींबू प्रजाति के पौधों की मांग में आई कमी, लाखों की जगह हजारों तक सीमित हुई डिमांड

Edited By kirti, Updated: 22 Nov, 2018 11:00 AM

lack of demand for plant species of lemon

नींबू प्रजाति के पौधों की मांग हर साल कम होती जा रही है। 8 से 10 साल पहले जहां यह डिमांड लाखों तक होती थी अब यह मांग मात्र हजारों तक सीमित हो गई है। नींबू प्रजाति के फल अधिक उत्पादन करने वाले ब्लॉक में डिक्लाइन की समस्या पैदा हो गई है जिसके चलते...

धर्मशाला : नींबू प्रजाति के पौधों की मांग हर साल कम होती जा रही है। 8 से 10 साल पहले जहां यह डिमांड लाखों तक होती थी अब यह मांग मात्र हजारों तक सीमित हो गई है। नींबू प्रजाति के फल अधिक उत्पादन करने वाले ब्लॉक में डिक्लाइन की समस्या पैदा हो गई है जिसके चलते बागवान कम मात्रा में उक्त पौधों की मांग कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक नींबू प्रजाति के फल जिनमें किन्नू, संतरा, मालटा, गलगल व मौसम्मी आदि शामिल हैं। नूरपुर, देहरा, परागपुर व इंदौरा में ही ज्यादातर नींबू प्रजाति का फल पैदा होता है।

नींबू प्रजाति के पौधों की डिमांड हर साल कम हो रही

डिक्लाइन में नींबू प्रजाति के फल पहले 8 से 10 साल अच्छी फसल देते हैं लेकिन बाद में उनके उत्पादन में कमी आती है, वहीं फल का आकार भी छोटा होता है। हालांकि उक्त फल की उम्र लगभग 25-30 साल होती है। उद्यान विभाग कांगड़ा उपनिदेशक दौलत राम वर्मा की मानें तो नूरपुर, देहरा, परागपुर व इंदौरा से नींबू प्रजाति के पौधों की डिमांड हर साल कम हो रही है। उधर, इस बारे एडीशनल डायरैक्टर ऑफ होॢटकल्चर नॉर्थ जोन धर्मशाला ए.के. धीमान ने बताया कि उक्त क्षेत्रों में पहले नींबू प्रजाति के पौधों की डिमांड काफी अधिक होती थी लेकिन इसमें हर साल कमी आ रही है जोकि ङ्क्षचता का विषय है।

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