Edited By prashant sharma, Updated: 27 Apr, 2021 11:10 AM
युवा कांग्रेस नेता व सरस्वती नगर से जिला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा ने सरकार को चेताया है कि अगर बागवानों को उनके नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिला तो वो आगामी दिनों में धरने, प्रदर्शन व हड़ताल से भी गुरेज नहीं करेंगे।
शिमला : युवा कांग्रेस नेता व सरस्वती नगर से जिला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा ने सरकार को चेताया है कि अगर बागवानों को उनके नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिला तो वो आगामी दिनों में धरने, प्रदर्शन व हड़ताल से भी गुरेज नहीं करेंगे। उन्होंने मांग की है ऊपरी क्षेत्रों में बेमौसमी बर्फ़बारी और ओलावृष्टि से सब कुछ तबाह हो गया है, नुकसान का आंकलन करना मुश्किल हो गया है क्योंकि कई जगहों पर पेड़ जड़ से ही उखड़ गए हैं, तो कहीं ओलावृष्टि से पूरी फसल तबाह हो गयी है।
अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है जिसकी 2 हजार से अधिक सेब की पेटियां होती थी,उस बागवान की फसल इस तरह तबाह हुई है कि इस वर्ष उसकी 50 पेटियां होना भी मुश्किल है, ऐसे में जिन लोगों की आर्थिकी सेब की फसल पर निर्भर है वो पूरी साल कैसे गुजर-बसर करेंगे, ये बड़ा सवाल है। वहीं मुंगटा ने सरकार से आग्रह किया है, जो मुआवज़े की राशि लोगों को मिलनी है उसमें पारदर्शिता हो, क्योंकि जिसका करोड़ों का नुकसान हुआ है उसे कुछ राशि देकर भरपायी नहीं हो सकती है।
वहीं केसीसी लिमिट पर लगने वाला ब्याज को भी सरकार को इस आपदाकाल में माफ कर देना चाहिये ताकि बागवान परेशान ना हो। मुंगटा ने कहा कि उनका पूरा वार्ड सेब बाहुल्य क्षेत्र में आता है, सभी लोग सेब पर ही निर्भर है ऐसे में जब पूरी फसल ही तबाह हो गई हो तो लोग कैसे अपना गुजर बसर करेंगे। सरकार को इस पर सोचना चाहिये और उचित मुआवज़ा और राहत प्रदान करनी चाहिये। मुंगटा का कहना है कि अगर बागवानों को मुआवज़ा देने में आनाकानी की गई तो सरकार 2022 में अपना बोरिया बिस्तर भी तैयार रखें, क्योंकि चुनाव बहुत नजदीक है तब सरकार को बागवानों की याद ज़रूर आएगी।