Edited By Ekta, Updated: 03 May, 2018 04:25 PM
कसौली गोलीकांड पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जहां न्यायालय ने कहा कि कसौली में अवैध निर्माण गिराने के अभियान के दौरान एक स्थानीय होटल के मालिक द्वारा एक महिला अधिकारी को कथित रूप से गोली मारने की घटना ‘‘ कानूनों पर अमल नहीं करने‘‘ का...
नई दिल्ली/सोलन: कसौली गोलीकांड पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जहां न्यायालय ने कहा कि कसौली में अवैध निर्माण गिराने के अभियान के दौरान एक स्थानीय होटल के मालिक द्वारा एक महिला अधिकारी को कथित रूप से गोली मारने की घटना ‘‘ कानूनों पर अमल नहीं करने‘‘ का परिणाम है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को जमकर लताड़ लगाई। न्यायालय ने इस महिला अधिकारी की मृत्यु को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। अदालत ने इस घटना की जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट तलब करते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार को उन उपायों के बारे में अवगत कराने का निर्देश दिया जिनसे यह सुनिश्चित किया जा सके कि समूचे राज्य में कोई अवैध निर्माण नहीं हो।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने सरकार को कसौली में 13 होटलों में अवैध निर्माण गिराने के कोर्ट के आदेश पर अमल की स्थिति से भी उसे अवगत कराने का निर्देश दिया है। पीठ ने सरकार के वकील से कहा कि यह मौत न्यायालय के आदेश का नतीजा नहीं थी। यह कानूनों पर अमल न करने का नतीजा है। आपको कानून का शासन और अवैध निर्माणों से संबंधित कानूनों पर अमल सुनिश्चित करना होगा।’’ शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को सारे विवरण के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुए इस मामले को अब 9 मई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
सरकार को अदालत ने 17 अप्रैल को कसौली और सोलन के धर्मपुर इलाके में अनेक होटलों और गेस्ट हाउस में किए गए अवैध निर्माण गिराने का आदेश दिया था। इस काम को करने के लिए प्राधिकारियों ने चार टीमें गठित की थीं। सहायक नगर और कंट्री नियोजक शैल बाला शर्मा भी ऐसे ही एक दल में शामिल थीं। वह एक 1 को कसौली के नारायणी गेस्ट हाउस में अवैध निर्माण गिराने की कार्यवाही की निगरानी करने गई थीं जहां इस भवन के मालिक विजय सिंह ने कथित रूप से उन्हें गोली मार दी थी। इस अधिकारी की बाद में मौत हो गई थी।