Edited By Vijay, Updated: 11 Aug, 2024 05:31 PM
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के करपट गांव में बाढ़ की आशंका के चलते गांव के लोग अपने घरों को छोड़कर पहाड़ी के नीचे तंबू डालकर रह रहे हैं।
कुल्लू (गौरीशंकर): हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के करपट गांव में बाढ़ की आशंका के चलते गांव के लोग अपने घरों को छोड़कर पहाड़ी के नीचे तंबू डालकर रह रहे हैं। करपट गांव के दोनों ओर बहने वाले नालों में बाढ़ आने के डर से लगभग 38 परिवारों ने एक हफ्ते से पहाड़ी की ओट में तंबू डालकर शरण ली है, जबकि कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के घरों में चले गए हैं। इस क्षेत्र में मोबाइल नैटवर्क की अनुपस्थिति के कारण प्रशासन और अन्य लोगों के साथ संपर्क स्थापित करना मुश्किल हो गया है। प्रशासन ने दावा किया है कि गांव के सभी लोग सुरक्षित हैं और उन्हें तंबू और राशन जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं।
पहले भी हुई थी ऐसी स्थिति
2 साल पहले भी इसी तरह की स्थिति का सामना करपट गांव के लोगों ने किया था, जब नालों में बाढ़ आने के कारण लोग घर छोड़कर तंबुओं में शरण लेने को मजबूर हो गए थे। इस दौरान उनकी फसलें और जमीन भी बर्बाद हो गई थीं। इस बार भी मटर की फसल को नुक्सान पहुंचा है, हालांकि अधिकांश फसल को पहले ही बेच दिया गया था।
युवा गांव जाकर ले रहे स्थिति का जायजा
गांव के कुछ युवा दिन के समय गांव में जाकर यह सुनिश्चित करते हैं कि सब कुछ ठीक है या नहीं। वे मवेशियों को घास और पानी देकर वापस तंबुओं में लौट आते हैं। ग्रामीणों को इस बात की उम्मीद है कि सरकार उनकी समस्या का समाधान निकालेगी और उन्हें इस स्थिति से राहत दिलाएगी।
बाढ़ में बह चुके हैं पुल, वैकल्पिक पुलिया का किया है निर्माण
उदयपुर के एसडीएम केशव राम ने बताया कि गांव के साथ लगते पहाड़ी के नीचे तंबुओं में रह रहे लोगों को प्रशासन ने तंबू और राशन मुहैया करवाया है। गांव को सड़क से जोड़ने वाले पुल के बाढ़ में बह जाने के बाद, एक वैकल्पिक पुलिया भी बनाई गई है, ताकि लोग गांव में जा सकें। स्थानीय प्रशासन और विधायक ने गांव का दौरा कर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की है।
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