जस्टिस MS रत्न रामचंद्र राव को राज्यपाल ने दिलाई मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ

Edited By Vijay, Updated: 30 May, 2023 04:49 PM

justice ms ratna ramachander rao takes oath as chief justice

न्यायमूर्ति एमएस रत्न रामचंद्र राव ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। राजभवन में आयोजित गरिमापूर्ण समारोह में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर...

शिमला (राक्टा): न्यायमूर्ति एमएस रत्न रामचंद्र राव ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। राजभवन में आयोजित गरिमापूर्ण समारोह में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह भी उपस्थित रहे। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शपथ समारोह की कार्यवाही का संचालन किया और भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति पत्र पढ़ा। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, हिमाचल प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीएस राणा, लोकायुक्त न्यायमूर्ति चंद्रभूषण बरोवालिया (सेवानिवृत्त), नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, मुख्य सूचना आयुक्त आरडी धीमान, हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर, विभिन्न बोर्डों और निगमों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परिवार के सदस्य और अन्य गण्यमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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प्राथमिकताएं कार्य में नजर आएंगी
न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव का जन्म 7 अगस्त, 1966 को हैदराबाद में हुआ था। उन्होंने बीएससी (ऑनर्स) गणित की उपाधि शिक्षा भवन न्यू साइंस काॅलेज उस्मानिया से प्राप्त की। वर्ष 1989 में उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद के यूनिवर्सिटी कालेज ऑफ लॉ से एलएलबी की शिक्षा ग्रहण की। मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव ने कहा कि हिमाचल एक अच्छा राज्य है। प्राथमिकताएं कार्य में नजर आएंगी। 
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1989 में एक अधिवक्ता के रूप में नामांकित हुए
न्यायमूर्ति एमएस रत्न रामचंद्र राव को सितम्बर 1989 में एक अधिवक्ता केरूप में नामांकित किया गया। इसके उपरांत उन्होंने वर्ष 1991 में कैम्ब्रिज यूके विश्वविद्यालय से एलएलएम की उपाधि प्राप्त की। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में एलएलएम के अध्ययन के लिए उन्हें कैम्ब्रिज कॉमन वैल्थ स्कॉलरशिप और बैंक ऑफ क्रैडिट एंड कॉमर्स इंटरनैशनल स्कॉलरशिप प्रदान की गई। उन्हें स्कॉलरशिप ट्रस्ट लंदन द्वारा पैगासस स्कॉलरशिप भी प्रदान किया गया।

पंजाब-हरियाणा के न्यायाधीश भी रह चुके
जस्टिस एमएस रत्न रामचंद्र राव को जून, 2012 में आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और 31 अगस्त, 2021 को तेलंगाना राज्य के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कर्त्तव्यों का निर्वहन करने के लिए नियुक्त किया गया। वह पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी रहे। उनके पिता न्यायमूर्ति एम. जगन्नाथ राव वर्ष 1997 से 2000 तक सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष रहे। उनके दादा भी वर्ष 1960 से 1961 तक आंध्र प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे।

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