Edited By kirti, Updated: 29 Jul, 2019 03:11 PM
देश मे बढ़ते जल संकट को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने बारिश के पानी को संरक्षण करने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने हर घर में वर्षा के जल को इकट्ठा करने का फैसला लिया है ताकि किसान इस पानी से अपनी फसलों की सिंचाई कर सके। सरकार ने इसके लिए...
शिमला(योगराज) : देश मे बढ़ते जल संकट को देखते हुए हिमाचल प्रदेश सरकार ने बारिश के पानी को संरक्षण करने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने हर घर में वर्षा के जल को इकट्ठा करने का फैसला लिया है ताकि किसान इस पानी से अपनी फसलों की सिंचाई कर सके। सरकार ने इसके लिए इजरायली तकनीक अपनाने का फैसला लिया है। सरकार इजराइल की कंपनी से फ्लैक्सी टैंक को हिमाचल में लाने वाली है। जो कीमत भी काफी कम होगी। 25 हजार लीटर के फ्लैक्सी टैंक की कीमत 19 हजार रुपए जबकि अभी 25 हजार लीटर के टैंक बनाने के लिए सरकार को अढ़ाई से तीन लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं। इसी तरह 50 हजार लीटर के फ्लैक्सी टैंक की 35 हजार रुपए है। किसानों को 4 लाख लीटर तक के फ्लैक्सी टैंक मुहैया करवाए जाएंगे। सरकार मामले को कैबिनेट में लाएगी और किसानों को इस पर सब्सिडी देने पर भी सरकार विचार कर रही है।
वहीं सरकार ने किसानों की फसल को ओलावृष्टि से बचाने के लिए अच्छी गुणवत्ता की एन्टी हैल्नेट लगाने का भी फैसला लिया है। हैल्नेट में उपयोग होने वाले धागे की गुणवत्ता 0.28 एमएम का होनी चाहिए जबकि प्रदेश के किसानों को 0.12 एमएम धागे से बना हुआ नेट दिया जा रहा है। सरकार ने इजराइल की कंपनी से 23 रुपए स्केर मीटर के हिसाब से नेट की मांग की है जबकि अभी हिमाचल में 38 से 40 रुपए स्केर मीटर के हिसाब से किसानो को 0.12 एमएम धागे से बना हुआ नेट दिया जाता है जबकि उसकी गुणवत्ता सही नही है। सिंचाई, जन स्वास्थ्य और बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा है कि किसानों को आय को दोगुना करने के लिए सरकार काम कर रही है और इसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए सरकार प्रदेश में किसानों को हर आधुनिक तकनीक मुहैया करवाने जा रही है।