माता बालासुंदरी के चढ़ावे में हुए घोटाले के मामले में प्रशासन ने बिठाई जांच

Edited By Vijay, Updated: 21 Feb, 2023 10:51 PM

investigation set up in case of scam in the offering of mata balasundari

सिरमौर जिला के त्रिलोकपुर में स्थित उत्तर भारत के प्रसिद्ध माता बालासुंदरी मंदिर के चढ़ावे में करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपों के बाद जिला प्रशासन ने जांच बिठा दी है। प्रशासन ने इसके लिए बाकायदा एक जांच कमेटी का गठन किया है।

नाहन (आशु): सिरमौर जिला के त्रिलोकपुर में स्थित उत्तर भारत के प्रसिद्ध माता बालासुंदरी मंदिर के चढ़ावे में करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपों के बाद जिला प्रशासन ने जांच बिठा दी है। प्रशासन ने इसके लिए बाकायदा एक जांच कमेटी का गठन किया है। यह जांच कमेटी सहायक आयुक्त के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच कर 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट डीसी सिरमौर राम कुमार गौतम को सौंपेगी। ग्रामीणों की तरफ से मंदिर के चढ़ावे को लेकर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद जिला प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। एक माह के भीतर मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।

100 करोड़ की हेराफेरी के लगाए हैं आरोप 
गत सोमवार को त्रिलोकपुर के ग्रामीणों ने इस संबंध में एक शिकायत डीसी सिरमौर को सौंपी थी। इसके बाद पत्रकारवार्ता में ग्रामीणों ने माता बालासुंदरी मंदिर के खजाने में करीब 100 करोड़ की हेराफेरी के गंभीर आरोप मंदिर न्यास समिति के अधिकारियों व कर्मचारियों पर लगाए। ग्रामीणों का आरोप था कि श्रद्धालुओं की ओर से दान में चढ़ाई गई नकदी सहित सोना-चांदी, डॉलर आदि भी नए-नए तरीके इजात करके निकाले गए हैं। 7-8 सालों से अधिकारियों व कर्मचारियों की आपसी मिलीभगत से ही करोड़ों रुपए के घोटाले को अंजाम देने के आरोप लगाए गए। 

ये भी हैं आरोप 
आरोप ये भी लगाए गए हैं कि मंदिर में कर्मचारियों को केतली में चाय पिलाने के लिए मंगवाई जाती थी लेकिन वापसी में केतली ले जाते समय मंदिर की बिजली गुल हो जाती थी, जो गड़बड़ी की आशंका पैदा करती है। गर्भ गृह का मुख्य दानपात्र भी बदलने का आरोप लगाया गया है। लाखों की कीमती साड़ियों की भी नीलामी न कर उन्हें अधिकारियों व कर्मचारियों के घरों में पहुंचाने के भी आरोप जड़े गए हैं। इसके साथ जून 2022 में सीसीटीवी में चढ़ावे की राशि से हेराफेरी करते कैद हुए कर्मचारी की बर्खास्तगी के बाद उसकी बहाली पर भी ग्रामीणों ने सवाल खड़े किए। 

ग्रामीणों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की उठाई मांग 
ग्रामीणों का कहना था कि यदि इस पूरे मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच की जाए तो मंदिर के खजाने से करीब 100 करोड़ रुपए की हेराफेरी सामने आ सकती है। लिहाजा ग्रामीणों ने जिला प्रशासन सहित मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच की मांग की है।

निष्पक्ष तरीके से जांच के लिए कमेटी गठित : डीसी
डीसी सिरमौर एवं त्रिलोकपुर मंदिर न्यास के अध्यक्ष राम कुमार गौतम ने बताया कि ग्रामीणों की तरफ  से मिली शिकायत में लगाए गए आरोपों के मामले में जांच बिठा दी गई है। सहायक आयुक्त के नेतृत्व में जांच कमेटी बनाई गई है। 30 दिनों के भीतर यह कमेटी मामले की जांच कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेगी। इसके अलावा बर्खास्त कर्मचारी को कैसे बहाल किया गया, इसको लेकर भी एसडीएम से जवाब मांगा गया है। पूरे मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच होगी। 

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