Edited By Vijay, Updated: 02 Mar, 2024 11:28 PM
वाहन की इंश्योरैंस होने के बावजूद दुर्घटना के उपरांत मृतक के परिजनों को क्लेम राशि न देने पर टाटा एआईजी इंश्योरैंस कंपनी को अब 9 प्रतिशत ब्याज सहित 15 लाख की राशि देनी होगी, साथ ही 50 हजार रुपए मुआवजा व 15 हजार रुपए न्यायालयी शुल्क भी देना होगा।
धर्मशाला (तनुज): वाहन की इंश्योरैंस होने के बावजूद दुर्घटना के उपरांत मृतक के परिजनों को क्लेम राशि न देने पर टाटा एआईजी इंश्योरैंस कंपनी को अब 9 प्रतिशत ब्याज सहित 15 लाख की राशि देनी होगी, साथ ही 50 हजार रुपए मुआवजा व 15 हजार रुपए न्यायालयी शुल्क भी देना होगा। जिला उपभोक्ता आयोग धर्मशाला के अध्यक्ष हिमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद व नारायण ठाकुर की खंडपीठ ने शंकुतला देवी निवासी संसारपुर टैरस की शिकायत पर यह फैसला सुनाया है। शिकायतकर्ता में मृतक की पत्नी सहित बेटी व बेटा शामिल हैं।
शंकुतला देवी ने बताया था कि उनके बेटे अखिल पठानिया ने वाहन (पीबी 07एन-1933) की उक्त कंपनी से इंश्योरैंस पॉलिसी ली थी। यह पॉलिसी 17 नवम्बर, 2020 से 16 नवम्बर, 2021 तक वैध थी। 15 मई, 2021 को उनका बेटा गाड़ी लेकर जा रहा था तो टायर फटने से वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें उसकी मौत हो गई। उन्होंने सभी दस्तावेजों और औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद कंपनी से इंश्योरैंस की क्लेम राशि के लिए आवेदन किया तो कंपनी ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद भी कई बार संपर्क किया गया लेकिन कंपनी ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद जिला उपभोक्ता आयोग ने दोनों पक्षों की ओर से पेश तथ्यों के आधार पर उक्त फैसला सुनाया।
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