10 करोड़ से निर्मित भूतनाथ पुल की मैजिस्ट्रेट जांच अधूरी, DC ने जारी किए ये आदेश

Edited By Vijay, Updated: 25 May, 2019 06:00 PM

incomplete magistrate inquiry of bhootnath bridge

कुल्लू जिला मुख्यालय में 10 करोड़ रुपए की लागत से भूतनाथ वैली ब्रिज का निर्माण होने के 5 वर्षों के भीतर पुल क्ष्तिग्रस्त होने पर मैजिस्ट्रेट जांच कमेटी की अधूरी जांच पर डी.सी. कुल्लू यूनुस ने पुन: मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। गौर रहे कि भूतनाथ...

कुल्लू (दिलीप): कुल्लू जिला मुख्यालय में 10 करोड़ रुपए की लागत से भूतनाथ वैली ब्रिज का निर्माण होने के 5 वर्षों के भीतर पुल क्ष्तिग्रस्त होने पर मैजिस्ट्रेट जांच कमेटी की अधूरी जांच पर डी.सी. कुल्लू यूनुस ने पुन: मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। गौर रहे कि भूतनाथ वैली ब्रिज को पिछले 5 माह से ट्रैफिक के लिए बंद किया गया है। ब्यास नदी के ऊपर डबललेन भूतनाथ ब्रिज में दरारें आने और झुकने का कारण 3 माह की जांच के बाद भी जांच कमेटी नहीं खोज पाई है। हालांकि मैजिस्ट्रेज जांच कमेटी ने 3 माह के समय में ब्रिज की जांच कर इसकी स्टेटस रिपोर्ट जिला मैजिस्ट्रेट को सौंप दी थी लेकिन इस रिपोर्ट में ब्रिज में दरारें आने और झुकने का कारणों का पूरी तरह से खुलासा नहीं हो पाया है, जिस पर मैजिस्ट्रेट ने इसे अधूरा मानकर फिर से पूरी जांच करने के निर्देश जारी किए हैं।

बड़े विशेषज्ञ की निगरानी में होगी मैजिस्ट्रेट जांच

बताया जा रहा है कि अब मैजिस्ट्रेट जांच कमेटी देश के बड़े विशेषज्ञ का सहारा लेगी, जिसके लिए जिला मैजिस्ट्रेट ने जांच कमेटी को उचित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। लिहाजा अब एक बार फिर मैजिस्ट्रेट जांच देश के किसी बड़े विशेषज्ञ की निगरानी में होगी। बता दें कि ए.डी.एम. कुल्लू अक्षय कुमार सूद के नेतृत्व वाली मैजिस्ट्रेट जांच कमेटी ने 3 महीने से अधिक समय तक इस ब्रिज की जांच की है। जिला मैजिस्ट्रेट ने इस जांच को फिर से पूरे तथ्य के साथ प्रस्तुत करने को कहा है, जिसके लिए उन्होंने बड़े विशेषज्ञ का सहारा लेने के भी निर्देश दिए हैं ताकि जांच में तथ्य सामने आ सकें।

विभाग और ठेकेदार ने 8 वर्षों में बनाया पुल

सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस 96 मीटर लम्बे ब्रिज को तैयार करने में विभाग और ठेकेदार ने 8 साल लगा दिए थे। पुल का शिलान्यास 11 मई, 2005 को हुआ था और उसके बाद काफी लंबे समय के बाद इस ब्रिज का तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ही 19 अक्तूबर, 2013 को उद्घाटन किया था। उसके बाद इस ब्रिज को करीब 5 साल इस्तेमाल किया गया लेकिन इस दौरान पुल में दरारें पड़ गईं और बीच का हिस्सा झुक गया जो निश्चिततौर पर निर्माण पर अंगुलियां उठा रहा है।

डिजाइन व सैंपल चैकिंग का रिकॉर्ड भी अधूरा

अब तक कि मैजिस्ट्रेट जांच में सामने आया है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा भूतनाथ पुल को लेकर डिजाइन व सैंपल चैकिंग का रिकॉर्ड भी अधूरा है, जिससे वैली ब्रिज के निर्माण के लिए बनाया एस्टीमेट व कागजों में किया खर्च मैच नहीं हो रहा है, ऐसे में मैजिस्ट्रेट जांच में सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। इस पुल निर्माण में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों व ठेकेदारी की लापरवाही के लिए कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

क्या बोले डी.सी. कुल्लू

डी.सी. कुल्लू यूनुस ने बताया कि डबललेन भूतनाथ वैली ब्रिज को लेकर मैजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट आई थी और इसमें कुछ तत्थों पर अभी जांच नहीं हुई है, जिस पर जांच कमेटी को फिर से सभी तत्थों पर जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच कमेटी को कुछ पहलुओं पर जाच कर विशेषज्ञों की राय लेने और जांच रिपोर्ट को जल्दी सौंपने के आदेश दिए हैं ताकि इस मामले में आगामी एक्शन लिया जा सके।

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