कृषि बिल किसानों के लिए बना होता तो किसान विरोध में सड़कों पर नहीं होता : राणा

Edited By prashant sharma, Updated: 09 Oct, 2020 05:47 PM

if agricultural bill was made for farmers would not be protest rana

हमीरपुर के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र की ऊहल ग्राम पंचायत की डी-लिमिटेशन करके जो नई ग्राम पंचायत लगदेवी गठित की गई है उसका क्षेत्र की जनता ने स्वागत किया है

हमीरपुर : हमीरपुर के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र की ऊहल ग्राम पंचायत की डी-लिमिटेशन करके जो नई ग्राम पंचायत लगदेवी गठित की गई है उसका क्षेत्र की जनता ने स्वागत किया है, लेकिन ऊहल ग्राम पंचायत के लढियार क्षेत्र के लोग लगदेवी पंचायत में नहीं जाना चाहते हैं। कारण साफ है कि लढियार से लगदेवी पंचायती की दूरी साढ़े तीन किलोमीटर से ज्यादा है। इस समस्या को लेकर लढियार क्षेत्र के लोग सरकार के समक्ष आपत्ति दर्ज करवा चुके हैं और 9 अक्तूबर शुक्रवार को फिर से विधायक राजेंद्र राणा के नेतृत्व में इस बारे में डीसी हमीरपुर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया है। इधर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कहा है कि सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऊहल पंचायत के जिस हिस्से को नई गठित ग्राम पंचायत लगदेवी में शामिल किया गया है। वह न तो भौगोलिक परिस्थिति और न ही जनभावनाओं के मुताबिक सही है। 

उन्होंने कहा कि नई पंचायतों के गठन के फैसले का वह स्वागत करते हैं, लेकिन अगर पंचायतों की डी-लिमिटेशन सुविधा की बजाय ग्रामीणों की परेशानी का सबब साबित हो रही हो तो उस पर सरकार को तुरंत गौर करना चाहिए। विधायक राणा 9 अक्तूबर शुक्रवार को लढियार गांव की जनता के साथ इस गलत डी-लिमिटेशन को लेकर डीसी हमीरपुर को ज्ञापन देने पहुंचे हुए थे। उन्होंने कहा कि लढियार से नई गठित हुई ग्राम पंचायत लगदेवी की दूरी करीब साढ़े तीन किलोमीटर है, जिस कारण से ग्रामीणों को परेशानी होना स्वाभाविक है। इस मामले को लेकर एक महीना पहले भी डीसी हमीरपुर को ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज करवाते हुए लढियार क्षेत्र को ऊहल ग्राम पंचायत में ही रखने की बात कही थी, लेकिन ग्रामीण लोगों की प्रशासन ने अभी तक बात नहीं मानी है। इसलिए विधायक होने के नाते वह ग्रामीणों की समस्या का ज्ञापन लेकर डीसी ऑफिस हमीरपुर पहुंचे हुए हैं। इसी बीच विधायक ने हमीरपुर में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि स्कूल व सिस्टम नियमों के दायरे में खुलें, यह समाज के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने सरकार द्वारा सिस्टम व संस्थानों को खोलने के फैसले को सही व जरूरी ठहराया है। 

कृषि बिल पर किए गए एक सवाल के जवाब में राणा ने कहा कि समूचे देश में कृषि बिल का विरोध हो रहा है। परेशान किसान धरना प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर हैं। उन्होंने कहा कि विधेयक व कानून जनता की सुविधा के लिए बनें यह जरूरी है, लेकिन कृषि विधेयक किसानों को सहूलियत देने की बजाय देश के कॉरपोरेटरों की सुविधा के लिए बनाया गया लगता है। अगर यह बिल पक्ष में होता तो किसान विरोध नहीं स्वागत करते। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब कृषि विधेयक लाना चाह रही थी तो कांग्रेस की मंशा किसान को मजबूत करना थी। जबकि सत्तासीन बीजेपी की साजिशें किसान को कमजोर कर रही हैं। विधेयक अगर किसानों के पक्ष में होता तो किसान आज सरकार के विपक्ष में न खड़ा होता। उन्होंने प्रदेश में बढ़ रही हत्याओं व गुंडागर्दी के मामलों पर चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि हमीरपुर में भी लगातार कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। पुलिस पर गुंडा तत्वों को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस गुंडा तत्वों की बजाय आम जनता को संरक्षण देकर अपनी सकारात्मक भूमिका निभाए।
 

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