Edited By Simpy Khanna, Updated: 12 Aug, 2019 04:02 PM
''बकरीद'' को इस्लाम में बहुत ही पवित्र त्यौहार माना जाता है। इस्लाम में एक साल में दो तरह की ईद मनाई जाती है। एक ईद जिसे मीठी ईद कहा जाता है और दूसरी बकरीद। एक ईद समाज में प्रेम की मिठास घोलने का संदेश देती है, जबकि दूसरी ईद अपने कर्तव्य के लिए...
हमीरपुर (अरविंद): 'बकरीद' को इस्लाम में बहुत ही पवित्र त्यौहार माना जाता है। इस्लाम में एक साल में दो तरह की ईद मनाई जाती है। एक ईद जिसे मीठी ईद कहा जाता है और दूसरी बकरीद। एक ईद समाज में प्रेम की मिठास घोलने का संदेश देती है, जबकि दूसरी ईद अपने कर्तव्य के लिए जागरूक रहने का संदेश देती है। ईद-उल-अदहा का दिन फर्ज ए कुर्बान का दिन होता है। हमीरपुर शहर के साथ लगते शस्त्र, बुरनाड गांवों की मस्जिद में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद-उल-अदहा का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया। ईद के पावन अवसर पर लोगों ने एक दूसरे को गले लगाकर ईंद की बधाई दी।
इस मुबारक मौके पर जहां नमाज अदा की गई, वहीं अल्लाह से अमन व शांति की दुआएं भी मांगी गईं। सुबह से ही शहर व अन्य राज्यों से काम करने आए मुस्लिम समुदाय के लोगों नें ईद की नमाज अदा की। मौलाना का कहना है कि दुनिया की कोई भी कौम कुर्बानी के बिना जिंदा नहीं रह सकती। लिहाजा कुर्बानी का ये पर्व अल्लाह की इबादत करने और इंसानी भाईचारे और इंसानी मोहब्बत का पैगाम लेकर आता है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनकर नमाज अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे हिंदोस्तान र्में इंद के मौके पर सभी की सुख शांति की कामना करते है। नमाज अदा करने के बाद पप्पू ने बताया कि आज ईद का पर्व बडे धूमधाम से मनाया जा रहा है। और इस दिन सभी मिलकर भाईचारा बनाए रखने की दुआ कर रहे है।