होटल व व्यावसायिक स्थलों को अब देना होगा पूरा टैक्स, एेसे खुली पोल

Edited By kirti, Updated: 14 Apr, 2018 11:48 AM

hotels and commercial sites will now have to pay full tax

बड़े-बड़े होटलों एवं व्यावसायिक स्थलों को अब म्यूनिसिपल टैक्स से बचना मुश्किल हो जाएगा। वर्षों से इस टैक्स की अदायगी में टालमटोल कर रहे होटल अब नगर परिषद के टैक्स की जद्द में आएंगे। इसके लिए नगर परिषद ने टूरिज्म से डाटा मंगवाया है। हाल ही में सर्वे...

ऊना : बड़े-बड़े होटलों एवं व्यावसायिक स्थलों को अब म्यूनिसिपल टैक्स से बचना मुश्किल हो जाएगा। वर्षों से इस टैक्स की अदायगी में टालमटोल कर रहे होटल अब नगर परिषद के टैक्स की जद्द में आएंगे। इसके लिए नगर परिषद ने टूरिज्म से डाटा मंगवाया है। हाल ही में सर्वे के दौरान पाया गया कि बड़े-बड़े व्यावसायिक स्थल और होटल म्यूनिसिपल टैक्स की अदायगी मापदंडों के आधार पर नहीं कर रहे हैं। जिला मुख्यालय में कुल 19 होटल हैं जिनमें से 18 होटल टूरिज्म के पास रजिस्टर्ड हैं जबकि एक होटल/लॉज बिना परमिशन के ही चलाया जा रहा है। हालत यह है कि 18 होटलों में से 17 होटल महज 1 लाख 20 हजार रुपए का नाममात्र टैक्स ही म्यूनिसिपल कमेटी को अदा कर रहे हैं। नया बना एक होटल ही करीब 1 लाख रुपए नियमों के तहत वाॢषक टैक्स की अदायगी कर रहा है। बाकी 17 होटल नियमों के मुताबिक टैक्स की अदायगी से परहेज कर रहे हैं।

ऐसे कई होटल अब म्यूनिसिपल कमेटी की निगाह में
टूरिज्म से पंजीकृत होटलों की जब सूची मंगवाई गई और उसमें दर्ज किए गए आंकड़ों का निरीक्षण किया गया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। सर्वे के दौरान जिस एक होटल ने महज 5 से 7 कमरे होने का ही सर्वेक्षण टीम के समक्ष दावा किया वास्तव में टूरिज्म डिपार्टमैंट के पास उसके 32 कमरे पंजीकृत हैं और सभी को नियमित रूप से टूरिस्टों को दिया जा रहा है। ऐसे कई होटल अब म्यूनिसिपल कमेटी की निगाह में हैं जो टैक्स के नाम पर बहुत कम राशि वाॢषक तौर पर दे रहे हैं जबकि लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं।

नप की आय कम और खर्चा ज्यादा
दरअसल नगर परिषद की आय कम और व्यय ज्यादा हैं। विकास कार्यों सहित साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट और सुविधाएं देने के लिए नगर परिषद को अपनी आय में इजाफा करने की काफी आवश्यकता है। इसी को मद्देनजर रखकर आय के नए स्रोतों पर भी विचार किया जा रहा है। इस समय नगर परिषद की वार्षिक आय करीब 92 लाख रुपए है जबकि खर्चे अढ़ाई करोड़ रुपए से अधिक हैं। इसमें विकास कार्यों पर खर्च की जाने वाली करोड़ों रुपए की राशि अलग है जो विभिन्न मदों में नगर परिषद को अलग से प्राप्त होती है।

बच्चों को मिलेंगे प्ले स्टेशन व ओपन एयर जिम
नगर परिषद ने नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए कई योजनाएं भी शुरू की हैं। इनमें ओपन एयर जिम, बच्चों के लिए प्ले स्टेशन, 3 पार्कों को सुसज्जित करने के साथ-साथ गलुआ के स्कूल ग्राऊंड में वॉकिंग ट्रैक सहित कई अन्य प्रकार की सुविधाएं प्रदान करने की भी कदमताल शुरू की है। लाखों रुपए की राशि इन सुविधाओं पर खर्च की जाएगी। शहर की सबसे प्राचीन 84 पौडिय़ों के निकट एक अत्याधुनिक  चिल्ड्रन पार्क के निर्माण कार्य की योजना भी बनाई जाने लगी है। जाहिर है कि नगर परिषद को अपने आय के संसाधन और बढ़ाने पड़ेंगे।

व्यावसायिक स्थलों का होगा सर्वेक्षण
नगर परिषद अब शहरवासियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगी। इसके लिए न केवल होटल मालिकों को नियमों के मुताबिक म्यूनिसिपल टैक्स देकर नप की आय में वृद्धि करनी पड़ेगी बल्कि व्यावसायिक स्थलों का फिर से सर्वेक्षण होगा। इससे नगर परिषद की आय में निश्चित रूप से वृद्धि होगी। टाऊन प्लानिंग के तहत भवनों की पासिंग पर भी फीस के रूप में नप की आय बढ़ेगी। चेंज ऑफ लैंड यूज के तहत मिलने वाली राशि को भी जनसुविधाओं पर खर्च किया जाएगा। 
 

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