प्राकृतिक आपदा से हुए नुक्सान की भरपाई करेगा बागवानी विभाग, सरकार ने जारी किए इतने करोड़

Edited By Vijay, Updated: 11 Nov, 2018 09:01 PM

horticulture department will compensate the loss due to natural disaster

राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं के कारण विभिन्न फलों को हुए नुक्सान की भरपाई के लिए 2.7 करोड़ रुपए जारी किए हैं। सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक बागवानी विभाग ने बीते 10 माह के दौरान एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के...

शिमला: राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं के कारण विभिन्न फलों को हुए नुक्सान की भरपाई के लिए 2.7 करोड़ रुपए जारी किए हैं। सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक बागवानी विभाग ने बीते 10 माह के दौरान एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए 48,297 वर्ग मीटर अतिरिक्त क्षेत्र को हरित गृह के अंतर्गत और 5,75,229 वर्ग मीटर क्षेत्र को ओला अवरोधक जालियों के अधीन लाया है। मिशन के अंतर्गत कुल 4820 कृषक बागवानों को लाभान्वित किया गया। फल बागीचों के बेहतर प्रबंधन के लिए 1115 शक्ति चालित मशीनें, 57 जल भंडारण टैंक और 7 खुम्ब इकाइयों के निर्माण के लिए भी उपदान उपलब्ध करवाया गया।

खुम्ब उत्पादन को भी व्यापक स्तर पर बढ़ावा
इस अवधि में 16.84 लाख फलदार पौधे बागवानों को वितरित किए गए, जिनमें से 5 लाख पौधे सरकारी नर्सरी में तैयार किए गए। लगभग 4813.41 हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को बागवानी के अधीन लाया गया है। खुम्ब उत्पादन को भी व्यापक स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है और वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान 10,961 मीट्रिक टन उत्पादन किया जा चुका है। फलदार पौधों में कीट-व्याधियों के नियंत्रण के लिए फल उत्पादकों को 305.82 मीट्रिक टन पौध संरक्षण दवाइयां उपलब्ध करवाने पर 4.62 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया।

उद्यानिकी विकास की परियोजनाओं के लिए 350 लाख का प्रावधान
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत उद्यानिकी विकास की परियोजनाओं के लिए 350 लाख रुपए की धनराशि का प्रावधान किया गया है। इस योजना के अंतर्गत 353 शक्ति चालित और 303 हस्त चालित उपकरणों का वितरण किया जा चुका है। प्रतिकूल मौसम या प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को हुए नुक्सान की भरपाई के लिए सेब, आम, आड़ू, पलम और नींबू प्रजातीय फलों के लिए राज्य के 110 विकास खंडों में मौसम आधारित पुनर्गठित फसल बीमा योजना लागू की गई है जिसके अंतर्गत उक्त अवधि के दौरान 1,61,524 किसानों को कवर किया गया।

2.30 लाख हैक्टेयर क्षेत्र बागवानी के अधीन
प्रदेश में 2.30 लाख हैक्टेयर क्षेत्र बागवानी के अधीन है और फल उत्पादन बढ़कर 10.38 लाख मीट्रिक टन हो गया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में लगभग 100 करोड़ रुपए के फूलों का उत्पादन हुआ। बागवानी का राज्य की वार्षिक आय में लगभग 3000 करोड़ रुपए से 5000 करोड़ रुपए तक का योगदान है तथा औसतन 9 लाख लोगों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से इस क्षेत्र में रोजगार मिल रहा है।

एम.आई.एस. के तहत लिया गया 21195 मीट्रिक टन सेब
राज्य सरकार के उपक्रम एच.पी.एम.सी. और हिमफैड द्वारा सेब बाहुल क्षेत्रों में खोले गए प्रापण केंद्रों के माध्यम से 21195.56 मीट्रिक टन फल खरीदे गए हैं। सरकारी उपक्रमों द्वारा खरीदे गए फलों का मूल्य 1589.66 लाख रुपए बताया जा रहा है। सरकार ने एम.आई.एस. के तहत सेब की खरीद के लिए प्रदेशभर में 367 प्रापण केंद्र खोले थे। इनके माध्यम से सरकार द्वारा तय मूल्य पर विभिन्न फलों की खरीदबागवानों से की जाती है।

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