Edited By Ekta, Updated: 25 Nov, 2018 01:24 PM
हिमाचल प्रदेश में वुशु के क्षेत्र में आपार सम्भावनाएं हैं और इनको दिशा प्रदान करने की आवश्यकता है जिससे की पूरे विश्व में हिमाचल और भारत का डंका बजाया जा सकता है। यह बात हाल ही में म्यांमार के यंगून में हुई विश्व वुशु कप प्रतियोगिता में भारत के लिए...
मंडी (नीरज): हिमाचल प्रदेश में वुशु के क्षेत्र में आपार सम्भावनाएं हैं और इनको दिशा प्रदान करने की आवश्यकता है जिससे की पूरे विश्व में हिमाचल और भारत का डंका बजाया जा सकता है। यह बात हाल ही में म्यांमार के यंगून में हुई विश्व वुशु कप प्रतियोगिता में भारत के लिए तोलू में सिल्वर मेडल लाने वाले वुशु प्लेयर रजत शर्मा ने कही। रजत ऊना जिला के दौलतपुर के रहने वाले हैं और सेना में कार्यरत हैं। रजत ने देश के लिए दूसरा स्थान हासिल करते हुए सिल्वर मेडल प्राप्त कर प्रदेश व देश का मान बढ़ाया है। इसी के चलते वुशु संघ हिमाचल प्रदेश ने मंडी आईटीआई में रजत के स्वागत के लिए एक समारोह का आयोजन किया।
रजत को शॉल व टोपी पहनाकर किया स्वागत
इस कार्यक्रम में एसी टू डीसी मंडी राज ठाकुर ने रजत को शॉल व टोपी पहनाकर स्वागत किया और उसको इस उपलब्धी के लिए बधाई भी दी। समरोह के उपरांत मीडिया से बातचीत में रजत शर्मा ने कहा कि वे अभी सेना में हैं और उनके कार्य का श्रेय सेना को जाता है, लेकिन उन्होंने आशा जाहिर की है कि आने वाले समय में इस खेल को हिमाचल में और लोकप्रीय बनाने के लिए सरकार का सहयोग करेगी। उन्होने बताया कि वे 2005 से वुशु खेल रहे हैं और अभी तक उन्होंने 11 अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग लिया है व 5 मेडल अपने देश के लिए लाने में कामयाब हो पाए हैं।
प्रदेश में 128 मेडल इस खेल में प्राप्त किए जा चुके हैं रजत
उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार हिमाचल में वुशु को बढ़ावा देने के बारे में कदम उठाते हैं तो वे सेना की नौकरी छोड़ हिमाचल में वुशु के और मेडलिस्टों को बनाने में अपना भरपूर सहयोग देंगे। वहीं म्यांमार में भारतीय टीम के लीडर रहे प्रदेश वुशु संध के महासचिव पीएन आजाद ने बताया कि अभी तक प्रदेश में 128 मेडल इस खेल में प्राप्त किए जा चुके हैं। उन्होंने हिमाचल के मुख्यमंत्री से मांग उठाई है कि प्रदेश के मंडी जिला में वुशु की राज्य स्तर की एकेडमी खोली जाए ताकि आने वाले समय में इस खेल को और बढ़ावा दिया जाए।