कोरोना की कठिन घड़ी में हिमाचली पूंजीपति मदद के लिए आएं आगे: राणा

Edited By kirti, Updated: 28 Mar, 2020 03:39 PM

himachali capitalists come forward to help  rana

राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने हिमाचली करोड़पतियों, अरबपतियों, खरबपतियों व पूंजीपतियों से अपील की है कि वह अपनी मुनाफाखोरी की छवि व छाप से बाहर निकल कर राष्ट्रीय आपदा कोरोना की इस कठिन घड़ी में समाज में पैदा हुए संकट से निपटने के...

हमीरपुर: राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने हिमाचली करोड़पतियों, अरबपतियों, खरबपतियों व पूंजीपतियों से अपील की है कि वह अपनी मुनाफाखोरी की छवि व छाप से बाहर निकल कर राष्ट्रीय आपदा कोरोना की इस कठिन घड़ी में समाज में पैदा हुए संकट से निपटने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि धार्मिक मान्यताओं व परंपराओं के मुताबिक भी दशांश समाज के हित व मानवता की सेवा पर व्यय करना पुण्य का काम माना जाता है तो अब समाज में आए संकट में अगर पूंजीपति अगर मदद करते हैं तो मुनाफाखोरी की छवि और छाप से मुक्त कर पुण्य के भागीदार भी बनेंगे। 

उन्होंने कहा कि देश के 1 फीसदी रईसों के पास कुल आबादी के 73 फीसदी जनता के बराबर की धन संपदा है। हालांकि हिमाचल अमीर प्रदेश नहीं है लेकिन फिर भी हिमाचल के कुदरती तौर व स्वच्छ व सुंदर वातावरण ने कई लोगों को पूंजीपति बनने का अवसर दिया है और अब राष्ट्रीय आपदा की कठिन घड़ी में यह मौका आया है कि प्रॉफिट मोटिव से बाहर निकल कर देश और दुनिया के रईसों की तर्ज पर हिमाचल में भी समाज को संकट से उभारने के प्रयास की मिसाल कायम हो। उन्होंने कहा कि बीते 100 सालों में कोरोना के रूप में अब तक के सबसे बड़े संकट ने देश को घेरा है। इस वक्त सरकार ही नहीं समाज के साधन संपन्न लोगों की जिम्मेदारी भी बनती है। 

उन्होंने ने मिसाल देते हुए कहा कि दुनिया को घेर कर खड़े कोरोना संकट की कठिन घड़ी में विश्व के बड़े बिजनेसमैन बिल गेटस ने 100 मिलियन डालर की घोषणा इस संकट से निपटने के लिए की है। जबकि अमेरिका के ही मार्क जुकरबर्ग ने छोटे उद्योगों को राहत देने के लिए 100 मिलियन डालर की घोषणा के साथ-साथ 20 मिलियन डालर डब्ल्यूएचओ को कोरोना की वैक्सीन विकसित करने के लिए दिए हैं। जबकि कोरोना की रोकथाम के लिए माइकल ब्लूमवर्ग ने 40 मिलियन डालर की सहायता जारी की है। इसी तरह एशिया के जेकवौक ने 14 मिलियन डालर, ली आशियान ने 13 मिलियन डालर की सहायता जारी की है। 

उन्होंनेे कहा कि माना की दुनिया में कुछ लोग बड़े अमीर हैं लेकिन कोरोना संकट की इस घड़ी में हिमाचल पूंजीपतियों को साबित करना होगा कि वह बड़ेे अमीर न सही, लेकिन दिल के बड़े अमीर हैं। छोटी-छोटी मदद भी इस कठीन घड़ी में बड़ी साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद अपने आप से शुरुआत करते हुए एक महीने का वेतन कोरोना पीड़ित व प्रभावित लोगों को देने का सबसे पहले एलान किया है और अब वो चाहते हैं कि हिमाचली पूंजीपति बड़ा दिल दिखाते हुए कोरोना पीड़ित व प्रभावित लोगों के लिए सामनें आएं। क्योंकि समाज बचेगा तो काम धंधे भी बचेंगे, अगर समाज ही नहीं बचा तो फिर किसी की आर्थिक हैसियत का कुछ अर्थ नहीं रहेगा। 

महामारी से ज्यादा परिवारों तक पहुंचने का तनाव

उन्होंनेे बताया कि देश भर में कोरोना कफ्र्यू के कारण फंसे अनेक हिमाचली कामगार युवक लगातार उनसे संपर्क करके अपनी मुसीबतों को बयान कर रहे हैं। फंसे हुए कामगार युवकों को महामारी से ज्यादा अपने परिवारों तक पहुंचने का तनाव व्याप्त है। उन्होंने बताया कि हिमाचली कामगार युवकों व पढने वाले छात्रों को लेकर पंजाब सरकार से संपर्क किया है। जिसके जवाब में त्वरित कार्रवाई करते हुए पंजाब सरकार ने हर संभव मदद व सहयोग करने का आश्वासन दिया है। ठीक यही हालत हिमाचल की सीमाओं पर बने औद्योगिक क्षेत्रों संसारपुर टैरेस, गगरेट, टाहलीवाल, पांवटा साहिब, काला अंब, बद्दी क्षेत्र में भी बनी हुई है जहां बाहरी राज्यों के हजारों कामगार फंसे हुए है। जिसके लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को तुरंत प्रभावी प्रयास करने जरुरी हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह अन्य राज्यों की सरकारों ने अपने राज्य के कामगारों को घरों तक पहुंचाने के प्रयास जारी किए हैं उसी तर्ज पर हिमाचल सरकार भी प्रयास जारी करें।
 

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