राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने दिल्ली जाएगा हिमाचल का ये नन्हा वैज्ञानिक

Edited By Vijay, Updated: 12 Feb, 2019 09:28 PM

himachal s younger scientist will participate in national competition

शहीद अश्विनी कुमार स्मारक पाठशाला झंडूता का नन्हा वैज्ञानिक दीपक चंदेल 14-15 फरवरी को आई.आई.टी. नई दिल्ली में इंस्पायर अवार्ड मानक की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु बिलासपुर से 4 अन्य प्रतिभागियों सहित मंगलवार को शिमला के लिए रवाना हो गया।...

बिलासपुर: शहीद अश्विनी कुमार स्मारक पाठशाला झंडूता का नन्हा वैज्ञानिक दीपक चंदेल 14-15 फरवरी को आई.आई.टी. नई दिल्ली में इंस्पायर अवार्ड मानक की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु बिलासपुर से 4 अन्य प्रतिभागियों सहित मंगलवार को शिमला के लिए रवाना हो गया। हिमाचल के 31 इंस्पायर अवार्ड मानक प्रतिभागियों व एस्कॉर्ट अध्यापकों को शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज शिमला से 13 फरवरी को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

बता दें कि शहीद अश्विनी कुमार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला झंडूता का 8वीं कक्षा में पढऩे वाले दीपक चंदेल गत वर्ष राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त कर चयनित हुआ था। इस होनहार विद्यार्थी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को मूर्त रूप देने हेतु बहुआयामी बाइसाइकल सोलर वैक्यूम क्लीनर अपने गाइड अध्यापक दिनेश शर्मा के मार्गदर्शन में एक ऐसा यंत्र बनाया है जो न केवल घर की सफाई करेगा अपितु खेल के मैदान, पाठशाला, सड़कों, ऑफिस व अस्पतालों के अतिरिक्त किसानों को अनाज की सफाई व ग्रेडिंग के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। यह यंत्र बाइसाइकल से उत्पन्न यांत्रिक ऊर्जा तथा सोलर ऊर्जा का उपयोग कर वातावरण को प्रदूषण मुक्त रखकर भारतवर्ष को स्वच्छ व स्वस्थ रखने में सहायता करेगा।

गाइड अध्यापक दिनेश शर्मा के गत माह झंडूता से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पंजगाई स्थानांतरित होने के बावजूद आधुनिक तकनीकों के साथ-साथ प्रधानाचार्य पंजगाई अश्विनी गुप्ता, जिला विज्ञान पर्यवेक्षक अमृत महाजन तथा प्रधानाचार्य झंडूता डा. रमेश मन्हास की अनुमति से वहां की अध्यापिकाओं सोनू, रचना व नीलम के सहयोग से दीपक की राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए तैयारी करवाई। वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के जरिए 2 अन्य विज्ञान शिक्षकों अश्विनी चंदेल व रवि शर्मा ने भी दिनेश शर्मा की इस पहल को नए पंख देने में अपनी अहम भूमिका निभाई।

बामटा के मशहूर इलैक्ट्रीशियन महेंद्र ने अपनी नवीन तकनीक का प्रयोग करके इस मॉडल को व्यवहारिक रूप प्रदान करने में अहम कड़ी के रूप में काम किया। इन नन्हे वैज्ञानिकों के साथ राज्य नोडल अधिकारी शिव कुमार के साथ अन्य 9 विज्ञान शिक्षक भी नई दिल्ली रवाना होंगे।

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