Edited By Vijay, Updated: 06 Aug, 2019 10:52 PM
प्रदेश में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 को लागू न करने पर हाईकोर्ट ने सरकार को शपथ पत्र देने के निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि बेट्रस फोर्स फॉर ट्रांस्फैंसी इन पब्लिक लाइफ संस्था द्वारा क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 लागू करवाने को लेकर...
शिमला (तिलक राज): प्रदेश में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 को लागू न करने पर हाईकोर्ट ने सरकार को शपथ पत्र देने के निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि बेट्रस फोर्स फॉर ट्रांस्फैंसी इन पब्लिक लाइफ संस्था द्वारा क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 लागू करवाने को लेकर याचिका दायर की गई थी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव से इसको लेकर शपथ पत्र देने को कहा है।
बेट्रस फॉर्म फॉर ट्रांस्फैंसी इन पब्लिक लाइफ संस्था के अध्यक्ष विधि चंद लगवाल ने कहा कि क्लिनिकल स्टेब्लिशमैंट एक्ट 2010 लाया था और 2012 में इसे लागू करने के निर्देश दिए थे लेकिन 9 साल बीत जाने के बाद भी राज्य सरकारें इसे लागू नही कर रही हैं। हिमाचल में इसे लागू करवाने के लिए 2016 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और आज कोर्ट ने संस्था के हक में फैसला देते हुए सरकार को सख्ती से इसे लागू करने के निर्देश दिए और जल्द शपथ पत्र देने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई 4 सितम्बर को होगी।
उन्होंने कहा कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 लागू होने से जहां अस्पतालों में रेट लिस्ट दर्शानी होगी, वहीं सरकारी, निजी अस्पतालों और क्लीनिक में उचित स्टाफ और भवन की व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी एक-दो कमरों में क्लीनिक और अस्पताल चलाए जा रहे हैं और लोगो से मनमर्जी के पैसे वसूले जा रहे हैं लेकिन इस एक्ट के लागू होने से लोगों को ज्यादा पैसे नहीं देने पड़ेंगे।