हिमाचल को जुगाड़ू नहीं बल्कि जुझारू नेतृत्व की जरूरत : धूमल

Edited By Updated: 21 Feb, 2017 06:33 PM

himachal not manage need rather combative leadership dhumal

जिस प्रदेश का मुख्यमंत्री ही जुगाड़ू हो, उस प्रदेश के मंत्रिमंडल की हालत का अंदाजा सहजता से लगाया जा सकता है।

बिलासपुर: जिस प्रदेश का मुख्यमंत्री ही जुगाड़ू हो, उस प्रदेश के मंत्रिमंडल की हालत का अंदाजा सहजता से लगाया जा सकता है। प्रदेश को जुगाड़ू नहीं बल्कि जुझारू नेतृत्व की जरूरत है ताकि प्रदेश का विकास हो सके। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने बिलासपुर में माफिया राज हटाओ हिमाचल बचाओ अभियान का शुरूआत करने के लिए रखी गई सदर भाजपा की रैली को संबोधित करते हुए कही। रैली में उमड़े जनसैलाब से गदगद हुए प्रो. धूमल ने इस दौरान जहां प्रदेश सरकार की जमकर खिंचाई की। वहीं प्रदेश के हर वर्ग को भाजपा के साथ जोडऩे का प्रयास भी किया। प्रो. धूमल ने कहा कि कांग्रेस के पापों को साफ करने और कमल खिलाने के लिए पानी की जरूरत पड़ती है। यह टिप्पणी प्रो. धूमल ने मौसम के बार-बार बदल रहे रंग को देखते हुए की । 

पंजाब के एक न्यायालय की टिप्पणी से झुका प्रदेश का सिर
धूमल ने कहा कि हिमाचल को देवभूमि के नाम से जाना जाता है लेकिन मौजूदा प्रदेश सरकार के संरक्षण में चल रहे खनन, ड्रग, वन माफिया के कारण आज हिमाचल को माफिया के नाम से जाना जाने लगा है। गत दिनों पंजाब के एक न्यायालय द्वारा की गई उस टिप्पणी से प्रदेश का सिर शर्म से झुक गया, जिसमें माननीय न्यायाधीश ने कहा था कि नशीली दवाइयां हिमाचल में बन रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को मकान बनाने के लिए रेत व बजरी नहीं मिल रही है लेकिन खनन माफिया द्वारा यहां से गाडिय़ों में रेत व बजरी भरकर पड़ोसी राज्यों में बेचकर चांदी कूटी जा रही है। 

घोषणाओं वाले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह
प्रदेश के मुख्यमंत्री को घोषणाओं वाला मुख्यमंत्री कहकर तंज कसते हुए धूमल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुबह बयान देकर शाम को भूल जाते हैं। मुख्यमंत्री ने रोहड़ू में कहा था कि प्रदेश को ठेकेदार लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर लूट रहे हैं तथा अगले दिन बयान देते हैं कि प्रदेश के विकास में इनका अहम योगदान रहा है। उन्होंने इस दौरान प्रदेश सरकार को बेरोजगारी भत्ते के नाम पर ठगने, कर्मचारियों को आर्थिक लाभ न देने पर, विद्यार्थियों को दी जाने वाली स्कूल वर्दी, बागवानों व किसानों को समय पर खाद व बीज न मिलने के नाम पर जमकर घेरा तथा इन वर्गों को अपने साथ जोडऩे का प्रयास भी किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने रूसा सिस्टम के नाम पर भी प्रदेश सरकार को लपेटा। 

डी.पी.आर. के लिए एक एजैंसी की नियुक्ति नहीं कर पाई सरकार 
धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को स्वीकृत किए गए 61 नैशनल हाईवे के लिए 261 करोड़ रुपए की राशि जारी करने के बाद भी इनकी डी.पी.आर. बनाने के लिए प्रदेश सरकार एक एजैंसी की नियुक्ति नहीं कर पाई। 

कर्मचारियों के साथ भी किया धोखा
धूमल ने कहा कि प्रदेश के विकास में कर्मचारियों का अहम योगदान रहता है तथा इसी कारण भाजपा शासनकाल में कर्मचारियों को सभी भत्ते दिए लेकिन मौजूदा प्रदेश सरकार ने 4 वर्ष में केवल एक बार ही कर्मचारियों के साथ जे.सी.सी. की बैठक की और इस बैठक में भी कर्मचारियों को 7 की बजाय 2 प्रतिशत डी.ए. ही दिया। उन्होंने कहा कि देवभूमि बिलासपुर से कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने का शुरू हुआ यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कांग्रेस सरकार को सत्ता से बाहर नहीं कर दिया जाएगा।

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