हिमाचल में भांग की खेती को कानूनी मान्यता प्रदान करने के मामले में टली सुनवाई

Edited By Punjab Kesari, Updated: 23 Mar, 2018 09:35 AM

himachal in hemp farming to legal recognition provide in case of hearing

प्रदेश हाईकोर्ट में चल रहे भांग की खेती को कानूनी मान्यता प्रदान करने के मामले में न केंद्र और न ही राज्य सरकार ने अपना जवाब दायर किया। इस कारण इस मामले पर सुनवाई 21 मई तक के लिए टल गई। प्रदेश हाईकोर्ट ने 8 जनवरी को पारित आदेशो में केंद्र व राज्य...

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट में चल रहे भांग की खेती को कानूनी मान्यता प्रदान करने के मामले में न केंद्र और न ही राज्य सरकार ने अपना जवाब दायर किया। इस कारण इस मामले पर सुनवाई 21 मई तक के लिए टल गई। प्रदेश हाईकोर्ट ने 8 जनवरी को पारित आदेशो में केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह के भीतर इस मामले में अपना मत स्पष्ट करने के आदेश दिए थे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने दोनों सरकारों को अपना जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है।


हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के पश्चात प्रदेश सरकार के वन व स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, बायोडायवॢसटी विभाग के निदेशक व केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को प्रतिवादी बनाते हुए 4 सप्ताह में इनसे जवाब तलब किया था। प्रार्थी का कहना है कि दवाई के लिए उपयोग की दृष्टि से ग्रामीण क्षेत्रों में भांग की खेती को कानूनी मान्यता प्रदान करके किसानों की आॢथक हालत व युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या से निदान पाया जा सकता है। भांग के पौधों को जलाने से उत्पन्न होने वाली पर्यावरण प्रदूषण की समस्या को भी खत्म किया जा सकता है। जनहित के दृष्टिगत यह जरूरी हो जाता है कि इस पदार्थ का दवाइयों के लिए प्रयोग किया जाए। यह पदार्थ असाध्य रोगों जैसे कैंसर व न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। इसे नैशनल फाइबर पॉलिसी 2010 के अंतर्गत लाया जा सकता है।


प्रार्थी की ओर से न्यायालय को यह बताया गया कि इन पदार्थों पर किए गए अनुसंधान के पश्चात इसके उपयोग बारे नशे के प्रचलन को खत्म करते हुए इसे दवाई की तौर पर उपयोग में लाया जाने लगा है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट के अधिवक्ता देशिन्देर खन्ना ने याचिका दायर कर इन पदार्थों की खेती पर लगाई गई रोक को हटा कर इसे कानूनी मान्यता देने की गुहार लगाई है। इसके अलावा प्रार्थी ने इन पदार्थों को उद्योगों तथा वैज्ञानिक अनुसंधान में उपयोग में लाने बाबत राज्य सरकार को दिशा-निर्देश बनाने के आदेशों की मांग भी की है। प्रार्थी का कहना है कि ड्रग माफिया किसानों से मुफ्त में भांग जैसे मादक पदार्थों को एकत्रित कर तस्करी के लिए इस्तेमाल करते हैं। जबकि इन पदार्थों को किसानों से कच्चे माल के तौर पर उद्योगों व दवाई के उद्देश्य से एकत्रित किया जा सकता है और किसानों को उचित मूल्य दिलवाया जा सकता है। इससे अवैध तरीके से हो रहे कारोबार पर भी रोक लगेगी।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!